नवीनतम लेख
हिंदू धर्म में प्रत्येक अमावस्या का विशेष महत्व होता है, लेकिन वैशाख माह की अमावस्या विशेष रूप से फलदायक मानी जाती है। इस तिथि को पितरों की शांति, आत्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यन्त श्रेष्ठ अवसर माना जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख महीने की अमावस्या 27 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी, जो सुबह 04:49 बजे से शुरू होगी और 28 अप्रैल की रात 01:00 बजे समाप्त होगी। धार्मिक दृष्टि से रविवार का दिन भी शुभ माना जाता है, इसलिए इस बार की अमावस्या का महत्व और भी अधिक है।
वैशाख अमावस्या को पवित्र और मोक्ष दिलाने वाली तिथि माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान और पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही, ब्राह्मणों को दान देने से भक्तों के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि वैशाख अमावस्या के दिन किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना अधिक बढ़ जाता है। साथ ही, इस तिथि पर विशेष रूप से पितृ दोष निवारण के लिए तर्पण और श्राद्ध करने की परम्परा है। इसीलिए जो लोग नियमित रूप से अपने पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाते, वे वैशाख अमावस्या को विशेष रूप से यह कर्तव्य निभाया करते हैं।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।