उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति का उल्लेख प्राचीन भविष्योत्तर पुराण में मिलता है, जहां भगवान विष्णु और युधिष्ठिर के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद में इसका वर्णन किया गया है। इस त्योहार का महत्व अन्य शुभ अवसरों जैसे संक्रांति के बराबर माना जाता है, जहां भक्त दान और पुण्य कार्यों के माध्यम से आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह दिन भगवान विष्णु और देवी एकादशी की आराधना के लिए समर्पित है।
मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस वर्ष यानी कि 2024 में उत्पन्ना एकादशी 26 नवंबर को मनाई जा रही है। ऐसे में उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखने से पहले व्रत के नियम, व्रत की विधि और क्या करें और क्या न करें इसके बारे में आपको बताते हैं।
आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा, यह सिर्फ ग्रह-नक्षत्र ही नहीं बल्कि अंकों की दुनिया यानी अंक ज्योतिष (Numerology) भी बता सकती है। यदि आप अपना मूलांक (जन्म तारीख का जोड़) जानते हैं, तो उससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें जानना आज आपके लिए लाभकारी हो सकता है।
अंक ज्योतिष एक ऐसी विद्या है, जिसमें जन्म तिथि के आधार पर व्यक्ति के जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव, सफलता और व्यक्तित्व के बारे में बताया जा सकता है।
आज का दिन यानी 16 जून 2025 को अंक ज्योतिष के हिसाब से जानें कि कौन से मूलांक वालों के लिए शुभ संकेत हैं और किसे थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।
आज का दिन यानि 17 जून 2025 का अंक ज्योतिष (Numerology) आपके लिए क्या संकेत लेकर आया है, यह जानकर आप अपने दिन को और बेहतर बना सकते हैं।