29 मार्च 2025 का दिन खगोलीय दृष्टि से बेहद खास और दुर्लभ रहने वाला है। लगभग 100 वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब सूर्यग्रहण और शनि गोचर एक ही दिन हो रहे हैं। ये दो बड़े खगोलीय परिवर्तन न केवल अंतरिक्षीय ऊर्जा में बदलाव लाएंगे, बल्कि इसका गहरा प्रभाव सभी राशियों पर भी देखने को मिलेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह संयोग कुछ राशियों के लिए अशुभ परिणाम दे सकता है। खासतौर पर पांच राशियों को इस समय विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहों की चाल उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। आइए जानते हैं, वे कौन-सी राशियां हैं जिन्हें इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
यह लेख ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है और इसका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है। इसमें दी गई जानकारी का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि इसे अंधविश्वास के रूप में न लें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय विशेषज्ञ की सलाह से ही लें।
अक्सर आपने लोगों को ऐसा कहते सुना होगा कि अगर शनिदेव अपने भक्त से प्रसन्न हो जाए तो वे उसके सारे कष्टों को हर लेते हैं। साथ ही उनके सभी बिगड़े हुए काम बनने लग जाते हैं।
सनातन धर्म में रविवार के दिन सूर्य देवता की पूजा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। ज्योतिषों के अनुसार भगवान सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, खासकर जब यह तिथि वैशाख माह में आती है। वैशाख अमावस्या को पितृ दोष के निवारण के लिए अत्यंत शुभ समय माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख अमावस्या वैशाख मास की अंतिम तिथि है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। यह दिन पितरों की शांति, पितृ दोष के निवारण, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए बेहद लाभदायक तिथि माना जाता है।