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सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश

सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश

एक साल बाद सूर्य का होगा कुंभ में प्रवेश, शनि से होगा सामना, इन राशियों की बदलेगी किस्मत



सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। इनके राशि बदलने से मनुष्य समेत प्रकृति पर भी प्रभाव पड़ता है। बीते 14 जनवरी को सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद सूर्य उत्तरायण हो गए और शुभ दिन शुरू हुआ। वहीं, फरवरी महीने में सूर्य फिर राशि परिवर्तन करने वाले हैं, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ने वाला है। इस बार सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, जहां उनकी युति शनि के साथ हो रही है, शनि सूर्य के पुत्र हैं। तो आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं कि सूर्य के इस गोचर का राशियों पर प्रभाव पड़ेगा।    

कब होगा सूर्य देव का गोचर? 


ग्रहों के राजा सूर्य अभी मकर राशि में विराजमान हैं। सूर्य 12 फरवरी की रात 10 बजकर 15 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। सूर्य 1 साल के अंतराल के बाद कुंभ में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य के इस राशि परिर्वतन का प्रभाव विशेष रूप से 4 राशियों पर पड़ने वाला है। इससे उनके भाग्य को लेकर बड़ा बदलाव भी देखने को मिलेगा। 

किन राशियों पर होगा प्रभाव? 


  1. मिथुन राशि:- सूर्य के कुंभ राशि में गोचर करने से मिथुन राशि के ऊपर इसका सकारात्मक प्रभाव होगा। मिथुन राशि के जातकों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। साथ ही उनके हर कार्य पूर्ण होंगे और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। इसके अलावा आय के नए-नए स्रोत बनेंगे। वहीं, जो जातक नौकरी करते हैं उनके लिए प्रमोशन और वेतन वृद्धि का भी योग बन रहा है। इन सब के अलावा इस दौरान शारीरिक कष्ट से भी मुक्ति मिलने की उम्मीद है।
  2. कर्क राशि:- सूर्य के राशि परिवर्तन से कर्क राशि के ऊपर भी शुभ प्रभाव होगा। कर्क राशि वालों का भाग्य साथ देगा, जिस वजह से अटके कार्य पूर्ण हो जाएंगे। कोर्ट कचहरी के मामले में फैसला इनके पक्ष में हो सकता है। पैतृक संपत्ति को लेकर जो विवाद चल रहा होगा, वह समाप्त हो जाएगा। संतान पक्ष से शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही वैवाहिक जीवन सुखमय रहने वाला है। इस दौरान मानसिक तनाव भी समाप्त हो जाएंगे। 
  3. सिंह राशि:- इस राशि के जातकों के ऊपर भी गोचर का बढ़िया प्रभाव पड़ने वाला है। भूमि, भवन, वाहन इत्यादि के खरीदारी का प्रबल योग बन रहा है। अगर आप शेयर बाजार में पैसा इन्वेस्ट करते हैं तो दोगुने लाभ का योग है। वहीं, इस दौरान सिंह राशि के जातक कोई नया कार्य आरंभ कर सकते हैं। इस दौरान समय अनुकूल रहने वाला है। इसलिए, योजना बनाकर जो भी कार्य करेंगे उसमें सफलता जरूर हासिल होगी। अविवाहित जातकों का विवाह तय हो सकता है। साथ ही पुरानी बीमारियों से भी निजात मिल सकता है।
  4. कुंभ राशि:- सूर्य कुंभ राशि में ही जाने वाले हैं। इसलिए, इस राशि के लिए भी यह गोचर शुभ फल लेकर आने वाला है। कुंभ राशि के जातकों को भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। उन्हें अपने कार्य के लिए समाज में मान मिलेगा। इस राशि वालों को किसी पुरानी बीमारी से राहत मिल सकती है। आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। इसके साथ ही जो कर्ज है उससे भी मुक्ति मिल सकती है। इस दौरान, घर में कोई मांगलिक कार्य पूरा हो सकता है।

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षटतिला एकादशी पर ना करें ये काम

षटतिला एकादशी भगवान विष्णु जी को समर्पित है। हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है।

षटतिला एकादशी में तुलसी का महत्व

हिंदू धर्म में पूरे साल में आने वाली सभी 24 एकादशियों में से प्रत्येक को विशेष माना जाता है। उन्हीं में से एक षटतिला एकादशी है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को ही षटतिला एकादशी कहते हैं।

षटतिला एकादशी: विष्णु और नारद प्रसंग

हिंदू धर्म में, यूं तो प्रत्येक एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। पर षटतिला एकादशी उन सब में भी विशेष मानी जाती है। 2025 में, षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी को है। इस दिन पूजा और व्रत करने से साधक को मोक्ष प्राप्त होती है।

षटतिला एकादशी व्रत कथा

सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। पंचांग के अनुसार, माघ महीने की एकादशी तिथि को ही षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के संग मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने से का विधान है।

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