स्कंद षष्ठी की पूजा विधि

Skanda Sashti 2025: भगवान कार्तिकेय का मिलेगा आशीर्वाद, स्कंद षष्ठी के दिन इस तरह से करें पूजा


स्कंद षष्ठी पूजन विधि:


  • सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई करें और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • एक पवित्र स्थान पर भगवान कार्तिकेय की मूर्ति स्थापित करें और फूलों से सजाएं।
  • पूजन सामग्री एकत्रित करें: जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, चंदन, अक्षत, फूल, धूप, दीपक आदि।
  • भगवान कार्तिकेय के समक्ष दीपक जलाएं और पंचामृत से अभिषेक करें।
  • भगवान को कमल का फूल अर्पित करें, यह विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • स्कंद षष्ठी व्रत कथा का पाठ करें और सच्चे मन से आराधना करें।
  • व्रत के दौरान मांस-मदिरा का सेवन न करें।


इन चीजों का करें दान:


  • दही दान करने से आयु में वृद्धि होती है।
  • गरीबों को अनाज दान करने से मां अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्त होती है।
  • दूध दान करने से ज्ञान और बुद्धि का विकास होता है।
  • फल दान करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और देवता प्रसन्न होते हैं।
  • जरूरतमंदों को वस्त्र दान करने से पुण्य प्राप्त होता है।
  • दान करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
  • दान करते समय अहंकार से बचें और इसे सच्चे मन से करें।
  • जरूरतमंद लोगों को ही दान दें, ताकि उसका सही उपयोग हो सके।

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मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू (Mere Bhole Baba Jatadhari Shambhu)

मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू,
हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू ॥

नकद-तिजोरी पूजा विधि

हर व्यक्ति चाहता है कि उसका घर धन-धान्य से भरा रहे। इसके लिए वे नकद और तिजोरी की पूजा करते हैं। भारतीय परंपरा में नकद और तिजोरी धन और समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी (Banshi Wale Teri Bansuri Kamal Kar Gayi)

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

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