रंग पंचमी पर देवताओं को कौन सा रंग चढ़ाएं

Rang Panchami 2024: रंग पंचमी पर किस देवी-देवताओं को लगाएं कौन सा रंग?


रंग पंचमी 2025 इस वर्ष 21 मार्च को मनाई जाएगी। यह पर्व होली के पांचवें दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं को समर्पित होता है और इस दिन वे भी गीले रंगों से होली खेलते हैं। रंग पंचमी पर विभिन्न देवी-देवताओं को उनके प्रिय रंग अर्पित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
 

भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को अर्पित करें पीला रंग


भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को पीला रंग अत्यधिक प्रिय है। भगवान श्रीकृष्ण को ‘पीतांबर’ कहा जाता है, क्योंकि वे पीले वस्त्र धारण करते हैं। पीला रंग सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु को पीले रंग का गुलाल चढ़ाने से शुभ फल मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
 

देवी लक्ष्मी, हनुमानजी और सूर्यदेव के लिए लाल रंग शुभ


देवी लक्ष्मी, भगवान हनुमान और सूर्यदेव को लाल रंग प्रिय है।

  • माता लक्ष्मी: लाल रंग का संबंध धन-वैभव और उन्नति से होता है। माता लक्ष्मी को लाल गुलाल चढ़ाने से आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
  • भगवान हनुमान: हनुमानजी को लाल सिंदूर और गुलाल अर्पित करने से भय दूर होता है और मनोबल बढ़ता है।
  • सूर्यदेव: सूर्यदेव को लाल रंग अति प्रिय है। रंग पंचमी पर सूर्यदेव को लाल गुलाल अर्पित करने से मान-सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ता है।
 

शनिदेव और मां बगलामुखी को चढ़ाएं काला व पीला रंग


  • शनिदेव: शनिदेव को काला रंग अर्पित करना शुभ माना जाता है। काले रंग का गुलाल चढ़ाने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।
  • मां बगलामुखी: मां बगलामुखी को पीला रंग अति प्रिय है। रंग पंचमी के दिन उन्हें पीला गुलाल चढ़ाने से शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है।
 

रंग पंचमी का महत्व


रंग पंचमी का त्योहार आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है। यह पर्व पांच तत्वों हवा, आकाश, जल, पृथ्वी और अग्नि को सक्रिय करने में सहायक होता है। इन तत्वों को ब्रह्मांड के निर्माण का आधार माना गया है, और मानव शरीर भी इन्हीं तत्वों से बना है।मान्यता है कि रंग पंचमी पर उड़ाए जाने वाले गुलाल और रंग इन तत्वों को जाग्रत करते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह संतुलन मानव जीवन में शांति और समृद्धि बनाए रखने में मदद करता है। खासतौर पर, यह पर्व मानसिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति के भीतर सकारात्मकता और आत्मिक शुद्धता आती है।रंग पंचमी के दिन रंगों से देवी-देवताओं की आराधना करने की परंपरा भी है, जिससे भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, इस दिन सामाजिक सौहार्द और आपसी प्रेम बढ़ाने के लिए रंगों से खेला जाता है। इस प्रकार, रंग पंचमी केवल रंगों का त्योहार नहीं बल्कि आध्यात्मिक उत्थान और जीवन में संतुलन बनाए रखने का पर्व भी है।
 

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