रंग पंचमी पर किसकी पूजा करें

रंग पंचमी के दिन इन देवी-देवताओं की करें आराधना, जानिए पूजा करने की सही विधि


रंग पंचमी भारत के विभिन्न हिस्सों में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। यह पर्व होली के ठीक पाँच दिन बाद आता है और इस दिन विशेष रूप से देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन पूजन और मंत्र जाप करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। खासकर भगवान कृष्ण, देवी राधा और अन्य देवताओं को रंग और गुलाल अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं रंग पंचमी के दिन पूजित देवी-देवता, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इसके लाभ।

रंग पंचमी के दिन किन देवी-देवताओं की पूजा की जाती है?


रंग पंचमी पर मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा की पूजा की जाती है। इसके अलावा, शिव-पार्वती, भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और अन्य देवताओं को भी रंग और गुलाल अर्पित कर उनकी कृपा प्राप्त की जाती है। इस दिन देवताओं को अर्पित किया गया रंग जीवन में शुभता और समृद्धि लेकर आता है।

मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन देवी-देवताओं को रंग चढ़ाने से सभी प्रकार के दोष और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। इस दिन पंच तत्वों (पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश) की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है, जिससे जीवन में संतुलन बना रहता है।

रंग पंचमी की पूजा विधि


  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर की सफाई कर भगवान राधा-कृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • भगवान को कुमकुम, अक्षत, पुष्प और रंग अर्पित करें।
  • तांबे के कलश में जल भरकर देवताओं को अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं।
  • विशेष मंत्रों का जाप करें और आरती उतारें।
  • इसके बाद परिवार और भक्तों के साथ रंगों से होली खेलें और प्रसाद वितरण करें।

रंग पंचमी मुहूर्त


इस बार रंग पंचमी का त्यौहार 19 मार्च 2025, बुधवार के दिन मनाया जाएगा। रंग पंचमी को होली महोत्सव का समापन भी माना जाता है।

  • पञ्चमी तिथि प्रारंभ – 18 मार्च 2025, रात 10:09 बजे
  • पञ्चमी तिथि समाप्त – 20 मार्च 2025, रात 12:36 बजे

रंग पंचमी का महत्व


रंग पंचमी को आध्यात्मिक शुद्धिकरण और सौभाग्य प्राप्ति का पर्व माना जाता है। यह दिन जीवन में सकारात्मकता लाने और बुरी शक्तियों से मुक्ति पाने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन देवी-देवताओं की पूजा और रंग उत्सव मनाने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इसलिए, रंग पंचमी को सिर्फ रंगों का त्योहार ही नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस बार रंग पंचमी 19 मार्च 2025 को मनाई जाएगी, इस अवसर पर विधि-विधान से पूजा करें और अपने जीवन में शुभता का संचार करें।

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बिजनेस शुरू करने की पूजा विधि

हिंदू धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले पूजा करने की एक प्राचीन परंपरा रही है। विशेष रूप से व्यवसाय या दुकान की शुरुआत के समय पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

कब है माघ पूर्णिमा व्रत

सनातन हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। जिससे उनका जीवन खुशहाल होता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है।

दिवाली पूजा विधि 2025

दिवाली का दिन महालक्ष्मी का वरदान पाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। दीपावली की रात सबसे अधिक अंधेरी होती है, और मान्यता है कि इस रात महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं।

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