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रंग पंचमी भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। यह केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व से भी जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने गोपियों के साथ होली खेली थी, और सभी देवी-देवताओं ने भी धरती पर रंगोत्सव मनाया था। रंग पंचमी का उद्देश्य न केवल आनंद और उल्लास फैलाना है, बल्कि वातावरण को शुद्ध करना और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना भी है।
रंग पंचमी का पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष पंचमी तिथि 18 मार्च 2025 को रात 10:09 बजे शुरू होकर 20 मार्च 2025 को दोपहर 12:36 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, रंग पंचमी का पर्व 19 मार्च 2025 (बुधवार) को मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने गोपियों के साथ होली खेली थी। इसी दिन सभी देवी-देवताओं ने भी धरती पर रंगों के इस उत्सव को मनाया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन रंगों के माध्यम से देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जाता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन गुलाल और अबीर उड़ाने की परंपरा है, जिसे वातावरण की शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए शुभ माना जाता है। यह पर्व जीवन से नकारात्मकता को दूर कर उत्साह और आनंद का संचार करता है।
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