फुलेरा दूज भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के प्रेम का प्रतीक का त्योहार है। यह त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। वहीं यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का संकेत भी होता है। फूलरा दूज के दिन ब्रज क्षेत्र, विशेषकर मथुरा और वृंदावन में, फूलों की होली खेली जाती है। इससे वातावरण में उल्लास और प्रेम की भावना व्याप्त होती है। इसके अलावा फुलेरा दूज को विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है,यानि इस दिन शुभ कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। आप किसी भी समय कोई शुभ कार्य कर सकते हैं।
वर्ष 2025 में फुलेरा दूज का पर्व 1 मार्च, शनिवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल द्वितीया तिथि का आरंभ 1 मार्च 2025 को प्रातः 3 बजकर 16 मिनट पर होगा, और इसका समापन 2 मार्च 2025 को रात्रि 12 बजकर 9 मिनट पर होगा। पंचाग के अनुसार फुलेरा दूज का पर्व 1 मार्च को मनाया जाएगा।
इस दिन के प्रमुख शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा का विशेष महत्व है।
नशा एक ऐसा बंधन है, जो धीरे-धीरे व्यक्ति की सोच, शरीर और आत्मा को कमजोर करता है। शराब, सिगरेट, गुटखा या अन्य प्रकार के नशे की लत से छुटकारा पाना केवल शारीरिक प्रयासों से संभव नहीं होता, बल्कि इसके लिए आत्मिक शक्ति और मानसिक दृढ़ता की भी आवश्यकता होती है।
किसी भी यात्रा को सफल और मंगलकारी बनाना केवल योजना या तैयारी पर ही निर्भर नहीं करता, बल्कि ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ आवश्यक उपाय अपनाने से भी यात्रा निर्विघ्न और सुखद बनती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 21 जून को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के साथ शनिवार का दिन है। इसके साथ ही आज अश्विनी नक्षत्र के साथ अतिगण्ड योग का निर्माण हो रहा है।
हर इंसान के लिए उसका जन्मदिन बेहद खास होता है। आमतौर पर यह दिन केक काटने, मोमबत्तियां बुझाने और पार्टी करने में बीत जाता है। लेकिन हिंदू संस्कृति में यह दिन सिर्फ उत्सव नहीं, एक आध्यात्मिक अवसर होता हैI