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फाल्गुन महीना दुर्गा अष्टमी

फाल्गुन महीना दुर्गा अष्टमी

Durga ashtami 2025: फाल्गुन महीने में कब है दुर्गा अष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त, योग और पूजा विधि


प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-भक्ति की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ जो कोई भी व्यक्ति मां दुर्गा की उपासना करता है, देवी मां उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। साथ ही इस दिन पूजा से जीवन में चल रही किसी भी तरह की समस्या का समाधान निकल जाता है। मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन मास की मासिक दुर्गाष्टमी का भी बहुत अधिक महत्व है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...



मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त


वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 06 मार्च को सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि की समाप्ति 07 मार्च को सुबह 09 बजकर 18 मिनट पर होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 07 मार्च को फाल्गुन माह की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।



दुर्गा अष्टमी योग


ज्योतिष के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भद्रावास का संयोग बन रहा है। यह संयोग सुबह 10 बजकर 50 मिनट से लेकर रात सुबह 10 बजकर 01 मिनट तक है। इस दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।



पंचांग


  • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर
  • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 24 मिनट पर
  • चंद्रोदय - सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर
  • चंद्रास्त - देर रात 01 बजकर 37 मिनट पर
  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 03 मिनट से 05 बजकर 52 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 17 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक



मासिक दुर्गा अष्टमी का महत्व


शास्त्रों के अनुसार, देवी दुर्गा की रचना त्रिमूर्ति यानी भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश द्वारा की गई थी। मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उनकी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और उनका भाग्य चमक उठता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है, साथ ही गरीबी और दरिद्रता दूर हो जाती है और जीवन में खुशहाली आती है।



मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि


  • मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें और स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • इस दिन मां दुर्गा के प्रिय रंग माने जाने वाले लाल रंग के वस्त्र धारण करना बहुत अच्छा माना जाता है।
  • फिर पूजा स्थल को साफ करके मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।
  • पूजा के दौरान मां दुर्गा को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए। फिर उन्हें फूल, चंदन, रोली, सिंदूर आदि चढ़ाना चाहिए।
  • मां दुर्गा को फल और मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
  • मां दुर्गा के विभिन्न मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। इसके साथ ही मां दुर्गा की स्तुति भी करनी चाहिए। बता दें कि उनकी कथा भी जरूर पढ़नी या सुननी चाहिए।
  • अंत में मां दुर्गा की आरती करनी चाहिए।
  • इस दिन कन्याओं को भोजन कराना चाहिए, इसके अलावा उन्हें दान भी देना चाहिए।

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