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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना और व्रत करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना गया है, जो अपने पाप और बुरे कर्मों से निजात पाना चाहते हैं साथ ही अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं।
हर वर्ष पापमोचनी एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाती है। इस वर्ष एकादशी तिथि का प्रारंभ 25 मार्च, प्रातः 05 बजकर 05 मिनट से होगा और 26 मार्च, देर रात 03 बजकर 45 मिनट पर अंत होगा। इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व है।
द्वादशी तिथि के दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें। ब्राह्मण या गरीब व्यक्ति को भोजन करा कर, दान दें और फ़िर व्रत का पारण करें। उस दिन भी सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
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