Navratri Kalash Sthapana Vidhi: नवरात्रि के पहले दिन कैसे करें कलश स्थापना? जानिए पूजा के नियम और महत्व
कलश स्थापना को शुभता और मंगल का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कलश में जल को ब्रह्मांड की सभी सकारात्मक ऊर्जाओं का स्रोत माना गया है। कलश स्थापना (घटस्थापना) नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त, सही समय और सही तरीके से करनी चाहिए। आइए जानें, कैसे करें कलश की स्थापना...
नवरात्रि कलश स्थापना
कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री:
- जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र
- साफ मिट्टी
- मिट्टी का एक छोटा घड़ा
- कलश को ढकने के लिए मिट्टी का एक ढक्कन
- गंगा जल
- सुपारी
- 1 या 2 रुपए का सिक्का
- आम की पत्तियां
- अक्षत / कच्चे चावल
- मोली / कलावा / रक्षा सूत्र
- जौ (जवारे)
- इत्र (वैकल्पिक)
- फूल और फूल माला
- नारियल
- लाल कपड़ा / लाल चुन्नी
- दूर्वा घास
कलश स्थापना विधि:
- सबसे पहले मिट्टी के बड़े पात्र में थोड़ी सी मिट्टी डालें, और उसमें जवारे के बीज डालें।
- अब इस पात्र में फिर से थोड़ी मिट्टी डालें और फिर बीज डालें। उसके बाद सारी मिट्टी पात्र में डालकर, थोड़ा सा जल भी डालें।
- ध्यान रहे कि इन बीजों को पात्र में इस तरह से लगाएं कि उगने पर यह ऊपर की तरफ उगें, यानी बीजों को खड़ी अवस्था में लगाएं।
- अब कलश और उस पात्र की गर्दन पर मौली बांध दें, साथ ही तिलक भी लगाएं।
- इसके बाद कलश में गंगा जल भर दें।
- इस जल में सुपारी, इत्र, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का भी डाल दें।
- अब इस कलश के किनारों पर 5 अशोक के पत्ते रखें और कलश को ढक्कन से ढक दें।
- अब एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े या लाल चुन्नी में लपेट लें। चुन्नी के साथ इसमें कुछ पैसे भी रखें।
- इसके बाद इस नारियल और चुन्नी को रक्षा सूत्र से बांध दें।
- तीनों चीजों को तैयार करने के बाद सबसे पहले जमीन को अच्छे से साफ करके उस पर मिट्टी का जौ वाला पात्र रखें, उसके ऊपर मिट्टी का कलश रखें और फिर कलश के ढक्कन पर नारियल रख दें।
- आपकी कलश स्थापना संपूर्ण हो चुकी है। इसके बाद सभी देवी-देवताओं का आह्वान करके विधिवत नवरात्रि पूजन करें। इस कलश को आपको नौ दिनों तक मंदिर में ही रखना होगा।
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