नर्मदा में स्नान के अद्भुत लाभ

Narmada Jayanti 2025: नर्मदा नदी में स्नान के होते हैं अद्भुत लाभ, इस खास दिन पर जरूर करें स्नान 


भारतीय संस्कृति में नदियों का महत्व बहुत अधिक है, उन्हें मां का दर्जा दिया जाता है। गंगा नदी के प्रति लोगों की आस्था से अधिकतर लोग परिचित हैं। हालांकि, देश भर में खासकर मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी का काफी महत्व है। इस बार 4 फरवरी को नर्मदा जयंती मनाई जा रही है। ये दिन मां नर्मदा को समर्पित होती है। इस पावन दिन पर मां नर्मदा के पवित्र जल में स्नान करने से भक्तों को अद्भुत लाभ मिलता है। तो आइए, इस आर्टिकल में नर्मदा नदी के महत्त्व और इसमें स्नान से होने वाले लाभों को जानते हैं। 



इसमें स्नान से नष्ट होते हैं देवों के भी पाप


हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ये दिन मनाया जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार कहते हैं कि अंधकासुर नामक दैत्य का विनाश करने के दौरान देवताओं ने कई पाप किए। फिर सभी देवताओं समेत ब्रह्मा और विष्णु शिवजी के पास गए। उनके समक्ष अपने पापों से मुक्ति पाने का अनुराध करने लगे। अपनी तपस्या में लीन शिव जी ने जब अपने नेत्र खोले तो भौओं से एक प्रकाशमय बिंदु पृथ्वी पर अमरकंटक के मैखल पर्वत पर गिरा। इस जगह एक कन्या अवतरित हुईं जो बेहद रूपवान थीं। माना जाता है कि महादेव ने देवों के पाप धोने के लिए ही नर्मदा को उत्पन्न किया था।



अद्भुत हैं इसमें स्नान के लाभ


ऐसा कहा जाता है कि नर्मदा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं। साथ ही अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, नाग के राजाओं ने मिलकर देवी नर्मदा को यह वरदान दिया था कि नर्मदा नदी में स्नान करने वाले जातक को मोक्ष की प्राप्ति होगी। इतना ही नहीं, जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है उन्हें नर्मदा नदी में चांदी से बने नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित करना चाहिए। इससे कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है। नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन नर्मदा अष्टक का पाठ करना भी बेहद कल्याणकारी होता है।



किस तरह होती है मां नर्मदा की पूजा? 


नर्मदा जयंती के दिन नदी के सभी तटों को सजाया जाता है और नदी के किनारे साधु हवन करते हैं। इस दिन मां नर्मदा के पूजन के बाद भंडारा आदि किया जाता है और जरूरतमंदों को भोजन करवाया जाता है। वहीं, इस दिन शाम को नदी किनारे कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। संध्या में मां नर्मदा की महाआरती की जाती है। माना जाता है जो भक्त इस दिन मां नर्मदा का पूजन करते हैं उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है।



जानें नर्मदा जयंती का महत्व


भगवान शंकर द्वारा मां नर्मदा अवतरित हुई थीं, धर्मशास्त्रों के मुताबिक इस दिन का महत्व इस कारण भी बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस कारण देश के साथ-साथ विदेश से भी इस दिन श्रद्धालु आकर मां नर्मदा के दर्शन करते हैं।  कहते हैं कि इसमें डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।


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