मई 2025 व्रत-त्योहार

Vrat Tyohar May 2025: विनायक चतुर्थी और सीता नवमी के साथ शुरू होगा मई का महीना, यहां विस्तार से देखें व्रत-त्योहार की लिस्ट


मई के महीने में प्रकृति अपने चरम पर होती है। पेड़-पौधों पर नए पत्ते आते हैं, फूल खिलते हैं और हर तरफ हरियाली दिखाई देती है। यह समय प्रकृति की सुंदरता को निहारने और उसकी सुंदरता का आनंद लेने का है। मई के महीने में कई प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं, जो आस्था और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। यह समय लोगों को एक साथ लाने और उनकी आस्था और उत्साह को बढ़ाने का है। मई में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें विनायक चतुर्थी, सीत नवमी, गंगा सप्तमी, नारद जयंती और शनि जयंती प्रमुख हैं। आइए, भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि मई 2025 में कौन-कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे?

मई 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर लिस्ट यहां देखें


विनायक चतुर्थी- 1 मई 2025, गुरुवार

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। इस दिन बप्पा की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है। 

शंकराचार्य जयंती- 2 मई 2025, शुक्रवार

आदि शंकराचार्य एक महान भारतीय गुरु तथा दार्शनिक थे, उनके जन्मदिवस को ही आदि शंकराचार्य की जयन्ती के रूप में मनाया जाता है। आदि शंकर का जन्म 788 ई.पू. केरल स्थित कलाड़ी नामक स्थान पर हुआ था। वर्ष 820 ई.पू. में मात्र 32 वर्ष की आयु में ही वह कहीं अन्तर्धान हो गये।

स्कंद षष्ठी- 2 मई 2025, शुक्रवार

हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को स्कंद षष्ठी के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से इंसान को जीवन में सभी तरह की कठिनाइयों से छुटकारा मिलता है। साथ ही रुके हुए काम पूरे होते हैं।  

गंगा सप्तमी- 3 मई 2025, शनिवार

गंगा सप्तमी का दिन देवी गंगा को समर्पित है। इस दिन को गंगा पूजन तथा गंगा जयन्ती के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन देवी गंगा का पुनर्जन्म हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जाह्नु ऋषि ने वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अपने कान से गंगा को मुक्त किया था। अतः इस कथा के कारण इस दिन को जाह्नु सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। देवी गंगा को ऋषि जाह्नु की पुत्री जाह्नवी के रूप में भी जाना जाता है। गंगा सप्तमी पर भक्त देवी गंगा की पूजा करते हैं तथा गंगा नदी में स्नान करते हैं। गंगा सप्तमी के दिन गंगा में स्नान करना अत्यधिक शुभः माना जाता है।

सीता नवमी- 5 मई 2025, सोमवार

सीता जयन्ती वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनायी जाती है। हिन्दु धर्मग्रन्थों के अनुसार, देवी सीता का जन्म मंगलवार के दिन पुष्य नक्षत्र में हुआ था। सीता नवमी को देवी सीता के जन्म की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को सीता जयन्ती के नाम से भी जाना जाता है। विवाहित स्त्रियां सीता नवमी के दिन व्रत रखती हैं तथा अपने पतियों की दीर्घायु की कामना करती हैं।

बगलामुखी जयंती- 5 मई 2025, सोमवार

बगलामुखी अष्टमी देवी बगलामुखी माता का अवतरण दिवस है। जिन्हें मां पीताम्बरा या ब्रह्मास्त्र विद्या के नाम से भी जाना जाता है । उनका रंग सुनहरा है, सिर पर चंद्रमा है और वे पीले रंग की पोशाक पहनती हैं। शत्रुओं को परास्त करने, प्रतियोगिताओं और अदालती मामलों में जीत के लिए उनकी पूजा की जाती है।

प्रदोष व्रत- 9 मई 2025, शुक्रवार

प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए शिव-शक्ति के निमित्त व्रत रखा जाता है। 

बुद्ध पूर्णिमा- 12 मई 2025, सोमवार

वैशाख माह की बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। गौतम बुद्ध का जन्म का नाम सिद्धार्थ गौतम था। गौतम बुद्ध एक आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी शिक्षाओं से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी।

नारद जयंती- 13 मई 2025, मंगलवार

नारद जयन्ती को देवर्षि नारद मुनि के जन्मदिवस की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। वैदिक पुराणों तथा कथाओं के अनुसार, देवर्षि नारद एक सार्वभौमिक देवदूत तथा देवताओं के लिये समस्त प्रकार की जानकारी के प्राथमिक स्रोत हैं। नारद मुनि किसी भी समय स्वर्गलोक, पृथ्वीलोक तथा पाताललोक का भ्रमण कर सकते हैं। देवर्षि नारद, भगवान नारायण अर्थात विष्णु के परम भक्त हैं। भगवान विष्णु के नारायण रूप को सत्य का अवतार माना जाता है।

वट सावित्री व्रत- 26 मई 2025, सोमवार

हिन्दु पौराणिक कथाओं के अनुसार सावित्री ने मृत्यु के देवता भगवान यम को भ्रमित कर उन्हें अपने पति सत्यवान के प्राण को लौटाने पर विवश किया था। इसीलिये विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की सकुशलता एवं दीर्घायु की कामना से वट सावित्री व्रत का पालन करती हैं।

शनि जयंती- 27 मई 2025, मंगलवार

शनि जयंती को सूर्य पुत्र भगवान शनि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। शनि देव को न्याय के देवता माना गया है जो कर्म फल के दाता है अर्थात शनि देव हर मनुष्य को उसके अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। 

रोहिणी व्रत- 27 मई 2025, मंगलवार

रोहिणी व्रत हर महीने में एक बार आता है। यह व्रत महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए किया जाता है।

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मैं ढूँढता तुझे था, जब कुंज और वन में ।
तू खोजता मुझे था, तब दीन के सदन में ॥

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