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माघ मास में आने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए भारी संख्या में भक्त आते हैं। इस कारण इसे त्रिवेणी अमावस्या भी कहा जाता है।
अगर किसी की कुंडली में पितृ दोष है, तो इस दिन पिंडदान, श्राद्ध, और तर्पण करना अत्यंत लाभकारी होता है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ माना गया है।
पंचांग के अनुसार:
1) ब्रह्म मुहूर्त
29 जनवरी 2025 को सुबह 5:25 बजे से 6:19 बजे तक।
2) पूरे दिन स्नान और दान का समय शुभ माना जाता है।
मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का अत्यधिक महत्व है।
अमावस्या के दिन पितृ धरती पर अपने वंशजों से मिलने आते हैं। ऐसे में इस दिन व्रत, स्नान, और तर्पण करने से वे प्रसन्न होकर अपने आशीर्वाद से कृपा बरसाते हैं।
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