Logo

मौनी अमावस्या पर पितरों का आशीर्वाद

मौनी अमावस्या पर पितरों का आशीर्वाद

Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर जरूर करें अपने पितरों का तर्पण, नोट करें इसके नियम


मौनी अमावस्या पर लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से भी पूर्वजों को शांति मिलती है। ऐसे में आइए आपको बताएंगे कि मौनी अमावस्या पर पितरों के पिंडदान विधि के बारे में।



मौनी अमावस्या 2025 शुभ मुहूर्त


पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की तिथि की शुरुआत 28 जनवरी को रात 07 बजकर 35 मिनट पर हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 29 जनवरी को शाम को 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में मौनी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा।



पिंडदान विधि


* मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करें । 


* इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। 


* चौकी पर अपने पूर्वज की तस्वीर रखें।


* गाय के गोबर, आटा, तिल और जौ आदि से पिंड बनाएं फिर इसे पितरों को अर्पित करें और पवित्र नदी में बहा दें।


* पिंडदान के दौरान पितरों का ध्यान करें। साथ ही पितरों की शांति के लिए मंत्रों का जप करें।



इन मंत्रों का करें जाप


* ॐ श्री पितराय नम:


* ॐ श्री पितृदेवाय नमः


* ॐ श्री पितृभ्य: नम:


* ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः


........................................................................................................
डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे(Dimik Dimik Damru Kar Baje)

डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे,
प्रेम मगन नाचे भोला, भोला,

दिन जिंदगी के चार, चाहे कम देना (Din Jindagi ke Char Chahe kam dena)

दिन जिंदगी के चार,
चाहे कम देना,

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से (Dinanath Meri Baat Chani Koni Tere Se)

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से

दिया थाली बिच जलता है(Diya Thali Vich Jalta Hai)

दिया थाली बिच जलता है,
ऊपर माँ का भवन बना,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang