मासिक शिवरात्रि का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी पाने का सपना साकार होता है। तो आइए विस्तार से जानते हैं मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त।
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 29 नवंबर 2024 को सुबह 8:39 बजे शुरू होकर 30 नवंबर 2024 को सुबह 10:29 बजे समाप्त होगी। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजा 29 नवंबर 2024 को करने का विधान है।
मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के प्रति भक्ति भाव प्रकट करने का विशेष अवसर है। यह व्रत रखने से कई लाभ मिलते हैं जो इस प्रकार हैं।
मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा विशेष विधि-विधान से की जाती है। इस दिन भक्त दिनभर व्रत रखते हैं और भगवान शिव की कृपा पाने के लिए उनका ध्यान करते हैं। पूजा विधि निम्नलिखित है।
यदि आप मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहते हैं या विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहते हैं, तो मासिक शिवरात्रि के दिन विशेष उपाय करें।
मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से न केवल भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए लाभकारी माना गया है, जो वैवाहिक जीवन में सुख-शांति चाहते हैं या किसी विशेष समस्या से परेशान हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 14 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के साथ सोमवार का दिन है। इसके साथ ही आज धनिष्ठा नक्षत्र के साथ आयुष्मान् योग का निर्माण हो रहा है। आज सावन का पहला सोमवार भी है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 15 जुलाई को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की पञ्चमी तिथि के साथ मंगलवार का दिन है। 15 जुलाई 2025 का राशिफल आपके लिए कुछ खास संकेत लेकर आया है।
हिंदू धर्म में सावन मास का अत्यधिक महत्व है, विशेषकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए। इसी क्रम में सावन के मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए अत्यंत पुण्यदायी और शुभफलदायी माना जाता है।
सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत देवी पार्वती के गौरी स्वरूप को समर्पित होता है, जो स्त्री जीवन में अखंड सौभाग्य, सुख-शांति और दांपत्य प्रेम की प्रतीक मानी जाती हैं।