नवीनतम लेख
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान और भगवान की आराधना करने से साधक को शुभ फल प्राप्त होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण, विष्णु जी और चंद्रदेव की पूजा करना अत्यंत फलदायी होता है। इसके साथ ही, यदि इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं, तो व्यक्ति को मनोवांछित फल और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
साल 2024 की आखिरी पूर्णिमा मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को पड़ रही है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर 2024 को दोपहर 04:58 बजे आरंभ होकर 15 दिसंबर 2024 को दोपहर 02:31 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत 15 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त और अभिजीत मुहूर्त में पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।