मार्गशीर्ष अमावस्या पर बन रहा शुभ संयोग, इन उपायों से मिल सकता है शनि की साढ़ेसाती से छुटकारा
मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है, खासकर शनि, राहु-केतु और पितर दोष से मुक्ति पाने के लिए। यह दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है, जो पूर्वजों को मोक्ष दिलाने में सहायक होते हैं।
अमावस्या शनि देव की जन्म तिथि मानी जाती है। ऐसे में इस अमावस्या पर शनिवार का खास संयोग बन रहा है। जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है वह मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन शनि के निमित्त कुछ खास उपाय करना न भूलें। आइये इस लेख में कुछ विशेष उपायों के बारे में जानते हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर बन रहा ये लाभकारी संयोग
इस वर्ष मार्गशीर्ष अमावस्या 30 नवंबर 2024 को सुबह 10:29 बजे से प्रारंभ होगी जो अगले दिन 1 दिसंबर 2024 को सुबह 11:50 बजे तक जारी रहेगी। इस दिन शनिवार होने से शनि देव की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। शनि देव की पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होगा। हालांकि, अमावस्या का स्नान और दान 1 दिसंबर को उदयातिथि पर मान्य होगा। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये विशेष उपाय
यहां हम आपको मार्गशीर्ष अमावस्या पर किए जाने वाले विशेष उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको शनि देव की कृपा और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करेंगे।
शनि देव की पूजा
मार्गशीर्ष अमावस्या और शनिवार के संयोग में शनि देव का सरसों के तेल से अभिषेक करें, तेल में काले तिल भी डालें। काले-नीले वस्त्र और नीले फूल चढ़ाएं। फिर ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करना चाहिए। ये उपाय सूर्यास्त के बाद करें।
हनुमान चालीसा का पाठ
अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना बेहद लाभदायी होता है। इसके प्रताप से शनि प्रसन्न होते हैं और बजरंगबली के भक्तों को कष्ट नहीं देते।
पीपल के पेड़ की पूजा
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इस दिन सुबह पीपल की जड़ में दूध और जल अर्पित करें। फिर पांच पीपल के पत्तों पर पांच मिठाई रख दें और फिर घी का दीपक जलाकर सात बार परिक्रमा करें। शाम को पीपल के नीचे शनि स्तोत्र का पाठ करें।
दान और पुण्य
शनिवार और अमावस्या के योग में जरूरतमंद लोगों को सरसों का तेल, काले तिल, कपड़े, कंबल, जूते-चप्पल का दान करें। अभी ठंड का समय है तो ऊनी वस्त्रों का दान करना ज्यादा अच्छा रहता है।
आध्यात्मिक लाभ
अमावस्या की रात को ध्यान और साधना करने से मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति होती है क्योंकि अमावस्या की रात को आध्यात्मिक ऊर्जा अत्यधिक सक्रिय मानी जाती है। अमावस्या की आध्यात्मिक ऊर्जा ध्यान और मंत्र जाप के लिए अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश
मार्गशीर्ष अमावस्या पर की गई पूजा और अनुष्ठान से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह समय व्यक्ति को अपने आंतरिक गुणों और दोषों को समझने देता है, जो जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने और अपने कर्मों को सुधारने का अवसर देती है। अमावस्या तिथि पर तुलसी को अर्घ्य देने से सौ गुना फलों की प्राप्ति होती है।
भोजन, वस्त्र और धन का दान
इस दिन भोजन, वस्त्र और धन का दान अत्यधिक पुण्यकारी माना जाता है। ज्योतिषी के अनुसार, अमावस्या तिथि के दिन राहु का प्रक्रोप बढ़ जाता है और राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए यह जरूरी है कि इस दिन शिवलिंग की पूजा की जाए।
शिवलिंग की पूजा
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद शिवलिंग को अर्घ्य देने से राहु का बुरा असर नहीं पड़ता। यह भी माना जाता है कि अमावस्या तिथि के दिन सूर्य को अर्घ्य देने से सौभाग्य पर लगी बुरी नजर हटती है।
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