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फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि यानी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पूजा के दौरान अगर भगवान शिव के महामंत्रों का जाप किया जाए, तो इससे मृत्यु का भय दूर हो जाता है और कुंडली में बनने वाले अकाल मृत्यु का योग भी टल जाता है। महाशिवरात्रि के दिन 4 प्रहरों में भगवान शिव का पूजन किया जाता है। हर प्रहर की समय अवधि के साथ-साथ, हर प्रहर का एक विशेष मंत्र भी है। यानी कि चार प्रहर के 4 मंत्र जो मृत्यु के भय से मुक्ति दिला सकते हैं। यदि आप किसी परेशानी से जूझ रहे हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक के समय इन 5 मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन प्रभावशाली मंत्रों से आप अपने जीवन की हर समस्या को समाप्त कर सकते हैं।
1- प्रथम प्रहर की पूजा
महाशिवरात्रि के प्रथम प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को शाम 6 बजकर 19 मिनट से रात 9 बजकर 26 मिनट तक है। इस प्रहर के दौरान भगवान शिव के 'ह्रीं ईशानाय नमः' मंत्र का जाप करें। महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र का जाप करने से घर के सभी दोष दूर हो जाते हैं और ग्रह भी शुभ परिणाम पहुंचाते हैं। साथ ही कलेश, भय, कर्ज आदि से भी मुक्ति मिल जाती है।
2- दूसरे प्रहर की पूजा
महाशिवरात्रि के दूसरे प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को रात 9 बजकर 26 मिनट से रात 12 बजकर 34 मिनट तक है। इस प्रहर के दौरान भगवान शिव के 'ह्रीं अघोराय नमः' मंत्र का जाप करें। भगवान शिव का यह मंत्र उनके रूप का वर्णन करता है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र के जाप से व्यक्ति भगवान शिव की उपासना कर उनके समीप पहुंचता है।
3- तीसरे प्रहर की पूजा
महाशिवरात्रि के तीसरे प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को रात 12 बजकर 34 मिनट से रात 3 बजकर 41 मिनट है। इस प्रहर के दौरान भगवान शिव के 'ह्रीं वामदेवाय नमः' मंत्र का जाप करें। वामदेवाय नमः शिव मंत्र जपने वाले और सुनने वाले दोनों के मन के लिए अनेक लाभ रखता है। ओम वामदेवाय नमः शिव मंत्र भगवान शिव से जुड़ा है, यही कारण है कि यह आपको अपने लिए निर्धारित दिनचर्या और योजना का पालन करने की शक्ति प्रदान करता है, तथा उत्पन्न होने वाले संदेहों को दूर करता है।
4- चौथे प्रहर की पूजा
महाशिवरात्रि के चौथे प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को रात 3 बजकर 41 मिनट से 27 फरवरी को सुबह 6 बजकर 48 मिनट है। इस प्रहर के दौरान भगवान शिव के 'ह्रीं सद्योजाताय नमः' मंत्र का जाप करें।
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