कामदा एकादशी 2025 उपाय

Kamada Ekadashi Upay: कामदा एकादशी के दिन करें ये ज्योतिष उपाय, धन धान्य में होगी वृद्धि और मनोकामना होगी पूरी  

हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है, और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, भगवान विष्णु की उपासना से धन, सुख-समृद्धि और शांति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को बेहद शुभ माना गया है और कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से आर्थिक तंगी दूर होती है और सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं कामदा एकादशी का महत्व, पूजा विधि और ज्योतिषीय उपाय।

कामदा एकादशी 2024 की तिथि और महत्व

कामदा एकादशी 2024 की तिथि: इस वर्ष यह पावन तिथि 8 अप्रैल को पड़ रही है।

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से राक्षस जाति का एक गंधर्व ललित अपनी पत्नी को पुनः प्राप्त कर सका था। इस व्रत से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।

कामदा एकादशी पर करें ये ज्योतिषीय उपाय

  • शमी के पौधे की पूजा करें – भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद शमी के पौधे की भी पूजा करें। आटे का दीपक जलाएं और उसमें कपूर व हल्दी डालें। इससे धन की प्राप्ति होती है और ग्रह-नक्षत्रों का शुभ प्रभाव पड़ता है।
  • गंगाजल स्नान और पितृ तर्पण – इस दिन गंगाजल युक्त जल से स्नान करें और पितरों को तर्पण दें। पितरों के नाम पर दान करने से पितृ दोष दूर होता है और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
  • मंत्र जाप और तुलसी पूजन – एकादशी के दिन पूरे दिन "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें और शाम को तुलसी के सामने घी का दीपक जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • हल्दी की पोटली बनाएं – सात हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर एक पोटली बनाएं और भगवान विष्णु को अर्पित करें। फिर इस पोटली को अपने धन रखने के स्थान (अलमारी या तिजोरी) में रखें। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
  • विष्णु सहस्त्रनाम और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें – माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम व कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। इससे धन की कमी नहीं होती।

कामदा एकादशी व्रत और पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर गंगाजल मिले जल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। विष्णु जी को पीले वस्त्र पहनाएं और पंचामृत से अभिषेक करें। फिर फूल, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। व्रत के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें और भगवान विष्णु को फल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें। रात में भगवान विष्णु के भजन गाएं और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करें। अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें और जरूरतमंदों को दान दें।


........................................................................................................
भस्मी लगाएं बाबा, उज्जैन के वो राजा (Bhasmi Lagaye Baba Ujjain Ke Vo Raja)

कालो के काल है,
मृत्यु के है वो राजा,

जो विधि कर्म में लिखे विधाता (Jo Vidhi Karam Me Likha Vidhata)

जो विधि कर्म में लिखे विधाता,
मिटाने वाला कोई नहीं,

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

दर्शन दिया, मुझे दर्शंन दिया(Darshan Diya Ho Mujhe Darshan Diya)

भोले शंकर भोले,
तुझे पूजे दुनिया सारी रे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।