शास्त्रों में भगवान काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान कालभैरव की पूजा-अर्चना करने से बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा जिन लोगों के जीवन में शनि, राहु जैसे ग्रहों का प्रकोप है, उन्हें भगवान काल भैरव की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा से सभी दोष दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। इसलिए भगवान काल भैरव की पूजा करना और उनके मंत्रों का जाप करना व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है। ऐसे में इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को कष्टों से छुटकारा मिलता है। इस साल यानी 2024 में काल भैरव जयंती 22 नवंबर को मनाई जा रही है। आइये जानते हैं काल भैरव जयंती पर कौन से उपाय किए जा सकते हैं।
जब शनिवार और त्रयोदशी तिथि एक साथ आती है तो उसे शनि त्रयोदशी कहते हैं। यह एक खास दिन होता है। यह हर महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है।
शनि देव 9 ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलने वाले ग्रह हैं। इसी कारण शनि देव 1 राशि में साढ़े सात साल तक विराजमान रहते हैं। इसी वजह से ही राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चलती है।
शनि त्रयोदशी का पर्व शनि देव की पूजा और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सही तरीके से पूजा करने और खास भोग अर्पित करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से घर में खुशहाली आती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।