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जया एकादशी का उपवास हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा आराधना करने की मान्यता है। साथ ही इस दिन उपवास रखने से जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नियमों का पालन न करने पर पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है साथ ही व्रत भी भंग हो सकता है। तो यहां जानिए एकादशी के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, जानिए इस दिन किन चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल जया एकादशी का व्रत 08 फरवरी 2025, शनिवार को रखना शुभ माना जाएगा। इस बार माघ शुक्ल एकादशी तिथि 07 फरवरी 2025 की रात 09:26 बजे से आरंभ होकर 08 फरवरी 2025 की रात 8:15 बजे तक समाप्त होगी।
जया एकादशी व्रत का पारण 09 फरवरी 2025 को किया जाएगा। एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 04 मिनट से सुबह 09 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय रात 07 बजकर 25 मिनट है।
इस दिन केवल फलाहार करना चाहिए और एक समय भोजन ग्रहण करना उचित माना जाता है। इस व्रत के दौरान आप शकरकंद, कुट्टू के आटे से बनी रोटियां, फल, दूध और दही खा सकते हैं। साथ ही, भगवान विष्णु को पंचामृत चढ़ाने के बाद उसका सेवन भी कर सकते हैं। इस दिन उपवास के दौरान यही आहार खाना शुभ रहता है।
ऐसा कहा गया है कि इस दिन चावल बिल्कुल नहीं खाने चाहिए। वहीं इसके साथ-साथ अन्न, नमक, लहसुन, प्याज और मसूर की दाल,सफेद तिल,तामसिक भोजन का भी सेवन नहीं करना चाहिए यह अशुभ होता है। इस दिन इन चीजों का परहेज करने से उपवास का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, एकादशी तिथि को दान करने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, जूते, तिल, दूध, दही, मिठाई और घी का दान शुभ फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि जया एकादशी पर किया गया दान सौ यज्ञों के बराबर पुण्य प्रदान करता है और इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
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