नवीनतम लेख
हिंदू धर्म में जानकी जयंती का बहुत महत्व है। इस पर्व को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। साल 2025 में जानकी जयंती आज यानी 21 फरवरी, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
हिंदू धर्म में जानकी जयंती एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इस दिन को देवी सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है, जो विवाहित महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता सीता और भगवान श्रीराम की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
देवी सीता को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और उनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। इस दिन लोग पूरे दिन व्रत भी रखते हैं और माता सीता और प्रभु श्रीराम की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। आइए जानते हैं साल 2025 में जानकी जयंती कब मनाई जा रही है? साथ ही जानेंगे इस दिन के महत्व और पूजा विधि के बारे में।
पंचांग के अनुसार, इस साल जानकी जयंती 21 फरवरी 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर होगी जो 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक जारी रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, जानकी जयंती का पर्व इस बार 21 फरवरी को मनाया जाएगा।
हिंदू धर्म में जानकी जयंती का बहुत महत्व है। इस पर्व को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह दिन नारी शक्ति, पवित्रता, त्याग और धैर्य की प्रतीक माता सीता को समर्पित है। माता सीता को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है और उनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन माता सीता की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
जानकी जयंती का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत है। इस दिन व्रत और पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ण होती है। माता सीता की पूजा करने से अखंड सौभाग्य और पारिवारिक सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन माता सीता के गुणों जैसे कि त्याग, समर्पण, साहस और पतिव्रता को याद करने और उनसे प्रेरणा लेने का दिन माना जाता है। जानकी जयंती का महत्व नारी शक्ति और पवित्रता को बढ़ावा देने में भी है और यह दिन महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है।
सामग्री:
पूजा विधि:
मंत्र:
इन मंत्रों का जाप करते हुए देवी सीता की पूजा करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।