होली पर करें इन देवी देवताओं की पूजा

होली के दिन इन देवी-देवताओं पर चढ़ाएं सबसे पहले रंग, सुख और समृद्धि के साथ मिलेगा आरोग्यता का आशीर्वाद


होली का त्योहार प्रेम, एकता और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है और कई आध्यात्मिक कहानियों से जुड़ा हुआ है। इसलिए यह देवी-देवताओं की पूजा करने का बहुत ही पावन समय होता है। 

भगवान श्री गणेश को चढ़ाएं होली का पहला रंग 


कोई भी शुभ कार्य करने से पहले हम भगवान श्री गणेश को याद करते हैं, उसी प्रकार होली में भी भगवान गणेश को सबसे पहला रंग अर्पित करना चाहिए। इससे सभी विघ्न और बाधाएँ खत्म हो जाती  हैं। 


होली पर करें इन देवी-देवताओं की पूजा



यह त्यौहार मुख्य रूप से बुराई पर अच्छाई की जीत तथा सकारात्मकता और एकता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन सभी देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए, लेकिन विशेष रूप से इन देवी- देवताओं की पूजा जरुर करनी चाहिए : 

  • इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उन्होंने भक्त प्रह्लाद का उद्धार कर भक्ति की शक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण दिया था।
  • इस दिन देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है, क्योंकि वह भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं और देवी लक्ष्मी जीवन में समृद्धि और धन प्रदान करती हैं। 
  • भगवान शिव की आराधना भी होली के दिन बहुत शुभ मानी जाती है। 
  • होली के दिन राम भक्त श्री हनुमान की भी श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए।


होली पर राधा कृष्ण की पूजा से मिलेगा खुशियों का आशीर्वाद



होली का त्योहार राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है, इस दिन राधा- कृष्ण की पूजा खास तौर से करनी चाहिए। होली के दिन राधा- कृष्ण की मूर्ति को सजा कर और उन पर गुलाल और अन्य रंग अर्पित करें, साथ ही उनकी विधिवत रूप से पूजा करके उन्हें तरह-तरह के पकवानों का भोग अर्पण करना चाहिए। इससे भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी बहुत प्रसन्न  होते हैं और आपके जीवन में प्रेम और आनंद की कमी नहीं होती। इसलिए होली के दिन करें इन सभी देवी-देवताओं की पूजा और उन्हें गुलाल अर्पण करें, जिससे आने वाला साल सुखमई होगा।

........................................................................................................
पूर्णिमा व्रत विधि क्या है

पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?

हरि जी! मेरी लागी लगन मत तोडना (Hari Ji Meri Lagi Lagan Mat Todna)

हरि जी! मेरी लागी लगन मत तोडना,
लाला* जी! मेरी लागी लगन मत तोडना,

मन धीर धरो घबराओ नहीं(Mann Dheer Dharo Ghabrao Nahin)

मन धीर धरो घबराओ नहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,

हे त्रिपुरारी गंगाधरी(Hey Tripurari Gangadhari)

हे त्रिपुरारी गंगाधरी
सृष्टि के आधार,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।