होली पर भगवान को कौन से गुलाल चढ़ाएं

किस भगवान को कौन से रंग का गुलाल चढ़ाएं, इससे घर आएंगी खुशियां और संपन्नता


होली रंगों का त्योहार है। इसलिए भगवान को रंग चढ़ाना और भी खास और शुभ होता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि किस भगवान को कौन सा रंग चढ़ाया जाता है और उसका क्या महत्व है।



इन रंगों को अर्पित करें भगवान पर


हर रंग का अपना-अपना महत्व होता है और हर रंग की कुछ कहानी है, इसीलिए सभी भगवानों को अलग-अलग रंग के गुलाल चढ़ाए जाते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं रंगों के महत्व के बारे में:


  • होली के दिन भगवान श्री कृष्ण को पीले रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए, इससे घर के लोगों में प्रेम बना रहता है।
  • राम भक्त श्री हनुमान को लाल रंग बहुत पसंद है, इसलिए उन्हें लाल रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए, इससे आपको शक्ति का आशीर्वाद मिलता है।
  • नीलकंठ कैलाश निवासी भगवान शिव को नीला रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए, इससे आपके उग्र ग्रह शांत होते हैं, और आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
  • माँ दुर्गा को भी लाल रंग का गुलाल बहुत पसंद है इसलिए उन्हें भी लाल रंग का गुलाल ही अर्पित करना चाहिए।
  • महालक्ष्मी को लाल रंग का गुलाल चढ़ाने से धन लाभ होता है और घर में समृद्धि बनी रहती है।
  • भगवान श्री गणेश को हरे रंग का गुलाल चढ़ाना चाहिए, इससे विघ्न और बाधाएँ खत्म होती हैं।
  • भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत पसंद है इसलिए उन्हें पीले रंग का गुलाल चढ़ाना चाहिए।
  • माँ सरस्वती को पीला और गुलाबी रंग का गुलाल अर्पित करना चाहिए जिससे आपको बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है।



गुलाल और उनके रंगों का महत्व


रंगों का अपना महत्व होता है, गुलाल का उपयोग विशेष रूप से देवी-देवताओं की पूजा करने और उनका स्वागत करने के लिए किया जाता है।


  • जहां लाल रंग प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
  • वहीं हरा रंग नई शुरुआत का प्रतीक है।
  • पीला रंग सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
  • और गुलाबी रंग सकारात्मकता का प्रतीक है।


होली पर भगवान को ये सभी रंग अर्पित करने से आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है, और धन लाभ भी होता है।


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28 या 29 जनवरी, कब है मौनी अमावस्या?

हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है।

म्हाने शेरोवाली मैया, राज रानी लागे(Mhane Sherawali Maiya Rajrani Laage)

म्हाने प्राणा सु भी प्यारी,
माता रानी लागे,

मैया सुनले मेरी अरदास (Maiya Sun Le Meri Ardas)

मैया सुनले मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए,

मोरे उज्जैन के राजा करों किरपा(More Ujjain Ke Raja Karo Kirpa)

महाकाल सो नाम नहीं,
और उज्जैन सो कोई धाम,

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