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गंगा दशहरा पर करें ये दान

 गंगा दशहरा पर करें ये दान

Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा पर करें ये दान, मिलेगी पापमोचनी की कृपा 

गंगा दशहरा, इस वर्ष 5 जून को मनाया जाएगा। यह पर्व गंगा मैया के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है और इस दिन का विशेष महत्व गंगा स्नान और दान-पुण्य के लिए होता है। साथ ही, इस दिन को पितरों की शांति, आत्मा की शुद्धि और परिवार की समृद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किया गया दान दस गुना पुण्य प्रदान करता है।

गाय, बकरी और अन्य पशुओं का करें दान

गौदान को शास्त्रों में सर्वोच्च दान माना गया है। गंगा दशहरा के दिन यदि सामर्थ्य हो तो गाय या अन्य पशु जैसे बकरी का दान करने से भी अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है। 

गंगाजल का दान 

गंगाजल स्वयं में पवित्र और शक्तिशाली होता है। इसका दान करने से घर में शुद्धता बनी रहती है, पापों का अंत होता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यदि किसी को स्नान के लिए गंगाजल देना संभव हो, तो यह विशेष फलदायक होता है।

गरीबों को करें भोजन और वस्त्र का दान 

गरीबों को अन्न, मिठाई, फल और वस्त्र देना अत्यंत पुण्यकारी है। खासकर गर्मियों में वस्त्र और जल से संबंधित चीजों का दान करना शीतलता और पुण्य दोनों प्रदान करता है।

भूल कर भी न करें इन वस्तुओं का दान 

  • टूटे हुए या दरार वाले बर्तनों का दान करना अशुभ माना गया है। इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और घर में दरिद्रता आती है।
  • चाकू, कैंची, तलवार जैसी धारदार वस्तुओं का दान शास्त्रों में निषेध बताया गया है। यह वैमनस्य, क्रोध और कष्ट को आमंत्रित करता है।
  • काला रंग शनि से संबंधित माना जाता है। गंगा दशहरा जैसे सौम्य और शुद्ध पर्व पर काले वस्त्र या सामग्री का दान करना अनुचित माना जाता है।

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शिव पूजा विधि

सर्वप्रथम पहले की तरह आचमन कर पवित्री धारण करे। अपने ऊपर और पूजा-सामग्री पर जल का प्रोक्षण करे।

मां दुर्गा पूजा विधि

पहले बतलाये नियमके अनुसार आसनपर प्राङ्घख बैठ जाय। जलसे प्रोक्षणकर शिखा बाँधे ।

एकादशी पूजन विधि (Ekadashi Poojan Vidhi )

एकादशी पूजन में विशेष तौर से भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है इस दिन पवित्र नदी या तालाब या कुआं में स्नान करके व्रत को धारण करना चाहिए

करवा चौथ पूजा विधि (Karva Chauth Pooja Vidhi )

यह व्रत अति प्राचीन है। इसका प्रचलन महाभारत से भी पूर्व का है। यह व्रत सौभाग्यवती महिलाओं के लिए उत्तम माना गया है।

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