नवीनतम लेख
गणेश चतुर्थी की शुरुआत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और यह पर्व चतुर्दशी तिथि को समाप्त होता है। यह 10 दिनों तक चलने वाला भव्य उत्सव होता है। इस दौरान गणपति बप्पा के स्वागत के लिए पंडाल सजाए जाते हैं और भक्तगण अपने घरों में उनकी प्रतिमा स्थापित करते हैं।
गणपति की स्थापना के बाद रोज सुबह और शाम उनकी पूजा-अर्चना और आरती की जाती है। भगवान गणेश के शरीर के विभिन्न अंगों का विशेष आध्यात्मिक महत्व बताया गया है—
यदि इस गणेश चतुर्थी पर आप अपने घर में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, तो उनकी पूजा के लिए आवश्यक सामग्री की सूची जान लें।
1) भगवान गणेश की प्रतिमा (मिट्टी, स्वर्ण, चांदी, पीतल आदि की हो सकती है)
2) पूजा की अनिवार्य सामग्री:
3) अन्य पूजन सामग्री:
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के 21 नामों का जप करने से विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।