गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री लिस्ट

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी की पूजा में इन चीजों की पड़ेगा जरूरत, देखें पूजन सामग्री लिस्ट


गणेश चतुर्थी का महत्त्व


गणेश चतुर्थी की शुरुआत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और यह पर्व चतुर्दशी तिथि को समाप्त होता है। यह 10 दिनों तक चलने वाला भव्य उत्सव होता है। इस दौरान गणपति बप्पा के स्वागत के लिए पंडाल सजाए जाते हैं और भक्तगण अपने घरों में उनकी प्रतिमा स्थापित करते हैं।

गणपति की स्थापना के बाद रोज सुबह और शाम उनकी पूजा-अर्चना और आरती की जाती है। भगवान गणेश के शरीर के विभिन्न अंगों का विशेष आध्यात्मिक महत्व बताया गया है—


  • सिर - आत्मज्ञान का प्रतीक
  • शरीर - माया का प्रतीक
  • हाथी का सिर - ज्ञान का प्रतीक
  • सूँड - 'ॐ' का प्रतीक


यदि इस गणेश चतुर्थी पर आप अपने घर में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, तो उनकी पूजा के लिए आवश्यक सामग्री की सूची जान लें।


गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री सूची


1) भगवान गणेश की प्रतिमा (मिट्टी, स्वर्ण, चांदी, पीतल आदि की हो सकती है)

2) पूजा की अनिवार्य सामग्री:

  • हल्दी
  • कुमकुम
  • सुपारी
  • सिंदूर
  • गुलाल
  • लौंग
  • लाल रंग का वस्त्र
  • जनेऊ का जोड़ा
  • दूर्वा
  • कपूर
  • दीपक
  • धूप
  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और शक्कर का मिश्रण)
  • मौली (रक्षा सूत्र)
  • फल
  • पंचमेवा
  • गंगाजल
  • कलश
  • नारियल
  • लाल चंदन
  • मोदक (गणेश जी का प्रिय भोग)

3) अन्य पूजन सामग्री:

  • अष्टगंध
  • दही
  • शहद
  • गाय का घी
  • गुलाब जल
  • दीपक-बाती
  • केले के पत्ते
  • चांदी का सिक्का
  • गणेश जी के लिए पुष्प-माला


भगवान गणेश के 21 नामों का जप करें


गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के 21 नामों का जप करने से विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होती है।


  1. ॐ गणञ्जयाय नमः
  2. ॐ गं गणपतये नमः
  3. ॐ गं हेरम्बाय नमः
  4. ॐ गं धरणीधराय नमः
  5. ॐ गं महागणपतये नमः
  6. ॐ गं लक्षप्रदाय नमः
  7. ॐ गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः
  8. ॐ गं अमोघसिद्धये नमः
  9. ॐ गं अमृताय नमः
  10. ॐ गं मंत्राय नमः
  11. ॐ गं चिंतामणये नमः
  12. ॐ गं निधये नमः
  13. ॐ गं सुमङ्गलाय नमः
  14. ॐ गं बीजाय नमः
  15. ॐ गं आशापूरकाय नमः
  16. ॐ गं वरदाय नमः
  17. ॐ गं शिवाय नमः
  18. ॐ गं काश्यपाय नमः
  19. ॐ गं नन्दनाय नमः
  20. ॐ गं वाचासिद्धाय नमः
  21. ॐ गं ढुण्ढिविनायकाय नमः

........................................................................................................
हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना (Hare Ram Hare Rama Japte The Hanumana)

हरे राम हरे रामा,
जपते थे हनुमाना,

सपने में सखी देख्यो नंदगोपाल(Sapane Me Sakhi Dekhyo Nandgopal)

सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल,
सावली सूरतिया हाथो मे बाँसुरिया,

राम भजन - सीताराम सीताराम जपा कर (Sita Ram Japa Kar)

सीताराम सीताराम जपाकर
राम राम राम राम रटा कर

सियारानी का अचल सुहाग रहे - भजन (Bhajan: Siyarani Ka Achal Suhag Rahe)

मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष ।
ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।