देवी दुर्गा की 10 महाविद्या की साधना

गुप्त नवरात्रि में होगी देवी दुर्गा की 10 महाविद्याओं की गुप्त साधना, जानें कौन सी विद्या देती है कौन सी सिद्धि?   



हिंदू वैदिक पंचाग के अनुसार, 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। हिंदू धर्म में हर साल 4 नवरात्रि मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह की गुप्त नवरात्रि अंतिम नवरात्रि होती है। जबकि, चैत्र माह की नवरात्रि तिथि से नए साल की शुरुआत मानी जाती है। गुप्त नवरात्रि में देवी दूर्गा की 10 महाविद्याओं की साधना कर अघोरी और अन्य साधु-संत तरह-तरह की सिद्धियां हासिल करते हैं। तो आइए, इस आर्टिकल में देवी दुर्गा की 10 महाविद्या और उससे प्राप्त होने वाली सिद्धियों के विषय में विस्तार पूर्वक जानते हैं। 

तंत्र साधना से जुड़ी है गुप्त नवरात्रि 


देवी दुर्गा की 10 महाविद्याएं भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार की सिद्धियों का मार्ग प्रशस्त करती हैं। इनकी साधना करने से मनुष्य को जीवन में संतुलन, शांति और शक्ति प्राप्त होती है। तंत्र और साधना के इस गहन मार्ग में हर महाविद्या का विशेष स्थान माना जाता है। 

जानिए 10 महाविद्याओं का महत्व 


देवी दुर्गा की 10 महाविद्याएं भारतीय तंत्र और आध्यात्मिक साधना में प्रमुख स्थान रखती हैं। ये महाविद्याएं विभिन्न प्रकार की शक्तियों, सिद्धियों और आत्मिक जागरण का प्रतीक भी मानी जाती हैं। हर महाविद्या के साथ जुड़ी साधना अलग प्रकार की सिद्धि और मनोकामना को पूर्ण करती हैं। इन महाविद्याओं का महत्व और उनसे प्राप्त होने वाली सिद्धियां इस प्रकार हैं। 

  • काली:- काली विनाश और पुनर्जन्म की देवी हैं। इनकी साधना से मनुष्य को भय, शत्रुओं और आंतरिक नकारात्मकता से मुक्ति प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में इनकी साधना से भय और मृत्यु पर विजय की सिद्धि भी प्राप्त की जा सकती है। 
  • तारा:- देवी तारा ज्ञान और सृजन की शक्ति प्रदान करने वाली मानी जाती हैं। इस दौरान इनकी सिद्धि पाने हेतु साधक कठोर तंत्र साधना करते हैं। तारा देवी से आध्यात्मिक ज्ञान, वाणी पर नियंत्रण और रचनात्मकता की शक्ति प्राप्त होती है।
  • त्रिपुर सुंदरी (शोडशी):- धार्मिक मान्यता है कि त्रिपुर सुंदरी की साधना से प्रेम, सुंदरता और सौभाग्य की सिद्धि प्राप्त होती है। साथ ही इनकी साधना से जीवन में सौंदर्य, आकर्षण और भौतिक सुख-संपदा प्राप्त होती है।
  • भुवनेश्वरी:- देवी भुवनेश्वरी की साधना करने वाले जातक को भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि पाने में मदद मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि देवी भुवनेश्वरी की साधना से संसार के समस्त भौतिक सुख और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
  • छिन्नमस्ता:- छिन्नमस्ता देवी की सिद्धि से ऊर्जा और बल प्राप्त होता है। छिन्नमस्ता की साधना करने वाला व्यक्ति आत्मबल, साहस और कठिन परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति प्राप्त कर लेता है। 
  • भैरवी:- सफलता और शत्रु नाश हेतु देवी भैरवी की सिद्धि की जाती है। भैरवी देवी की साधना से जीवन में शत्रुओं पर विजय और कार्यों में सफलता मिलती है।
  • धूमावती:- विपत्तियों से मुक्ति हेतु धूमावती की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि धूमावती देवी की साधना से हर प्रकार की कठिनाइयों से पार पाया जा सकता है। साथ ही इससे नकारात्मक ऊर्जा का भी नाश हो जाता है।
  • बगलामुखी:- शत्रु नाश और वाक् सिद्धि की कामना से देवी बगलामुखी साधना की जाती है। बगलामुखी देवी की साधना से शत्रुओं को परास्त किया जा सकता है और वाणी में अपार शक्ति प्राप्त होती है।
  • मातंगी:- कला और संगीत में निपुणता की सिद्धि मातंगी देवी से प्राप्त होती है। देवी मातंगी की साधना से वाणी, संगीत, कला और विद्या में प्रवीणता प्राप्त होती है।
  • कमला:- धन और ऐश्वर्य की कामना रखने वाले जातक देवी कमला की सिद्धि पाने हेतु साधना करते हैं। देवी कमला से साधक को भौतिक संपन्नता, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।

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