ग्रहण से बदलेगी 3 राशियों की किस्मत

100 साल बाद सूर्य गोचर और चंद्र ग्रहण का दुर्लभ संयोग! इन 3 राशियों की बदलने वाली है किस्मत


इस बार होली 14 मार्च 2025 को एक खास खगोलीय संयोग के साथ मनाई जाएगी। इस दिन न केवल साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा, बल्कि ग्रहों के राजा सूर्य का मीन राशि में गोचर भी होगा। यह दुर्लभ संयोग लगभग 100 वर्षों बाद बन रहा है, जो ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। सूर्य और चंद्रमा के इस साथ-साथ गोचर और ग्रहण के प्रभाव से कुछ राशियों को विशेष सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। इस खगोलीय घटना का असर न केवल ग्रहों की स्थिति से जुड़ा होगा, बल्कि यह कुछ राशियों के लिए सौभाग्य और समृद्धि का दरवाजा भी खोल सकता है। जानिए कौन सी राशियां इस संयोग से अधिक लाभ प्राप्त करेंगी।


1. वृषभ राशि


वृषभ राशि के जातकों के लिए यह खगोलीय संयोग बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। सूर्य गोचर और चंद्र ग्रहण के प्रभाव से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और मेहनत का फल मिलेगा। इस दौरान करियर और व्यापार में नए अवसर सामने आ सकते हैं, जिससे व्यापार में मुनाफा बढ़ेगा। साथ ही, धन-संपत्ति में भी वृद्धि होने की संभावना है। इस विशेष संयोग से वृषभ जातकों की कड़ी मेहनत को सराहा जाएगा और वे अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर पाएंगे।



2. मिथुन राशि


मिथुन राशि के जातकों को इस संयोग से जबरदस्त लाभ मिल सकता है। यह समय उनके आर्थिक और पेशेवर जीवन में उन्नति का संकेत है। चंद्र ग्रहण और सूर्य गोचर के प्रभाव से मिथुन जातकों को काम में स्थिरता और सफलता मिलेगी। निजी और पारिवारिक जीवन में सामंजस्य बना रहेगा, जिससे मानसिक शांति का अनुभव होगा। साथ ही, धन और सम्मान में वृद्धि होगी।



3. कर्क राशि


कर्क राशि के जातकों के लिए यह समय अत्यंत शुभ साबित हो सकता है। सूर्य गोचर और चंद्र ग्रहण का सकारात्मक प्रभाव कर्क जातकों को नए अवसर प्रदान करेगा। इस दौरान अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। वहीं कोई रुका हुआ पैसा भी वापस मिल सकता है। करियर में अच्छे बदलाव हो सकते हैं और परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा। यह समय आत्मविश्वास बढ़ाने और नए प्रयास करने का है, जिससे कर्क जातक नए आयाम हासिल करेंगे।


........................................................................................................
तेरे डमरू की धुन सुनके, मैं काशी नगरी आई हूँ(Tere Damru Ki Dhun Sunke Main Kashi Nagri Aayi Hun)

तेरे डमरू की धुन सुनके,
मैं काशी नगरी आई हूँ,

निर्धन कहे धनवान सुखी (Nirdhan Kahe Dhanwan Sukhi)

दीन कहे धनवान सुखी
धनवान कहे सुख राजा को भारी ।

मेरी विपदा टाल दो आकर (Meri Vipda Taal Do Aakar)

मेरी विपदा टाल दो आकर,
हे जग जननी माता ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।