चैत्र मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

Chitra Krishna Janmashtami 2025: कब है चैत्र मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और उपाय


मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है, जो भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को जन्मे थे। चैत्र माह में यह पर्व 22 मार्च 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

शुभ मुहूर्त


  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 22 मार्च 2025, प्रातः 04:23 बजे
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 23 मार्च 2025, प्रातः 05:23 बजे
  • पूजा का शुभ समय: 22 मार्च की रात 11:41 से 23 मार्च की रात 12:28 तक

चैत्र मासिक पूजा विधि


  • स्नान एवं संकल्प: प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान श्रीकृष्ण की पूजा: श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करें और पंचामृत से अभिषेक करें।

मंत्र जाप:

"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
"ॐ कृष्णाय वासुदेवाय गोविंदाय नमो नमः"

  • भोग अर्पण: भगवान को मक्खन, मिश्री और फल अर्पित करें।
  • आरती एवं भजन: श्रीकृष्ण की आरती करें और भजन-कीर्तन में शामिल हों।
  • व्रत पारण: अगले दिन भगवान को प्रसाद अर्पित करने के बाद व्रत खोलें।

महत्व और लाभ


  • इस व्रत से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
  • जीवन में सुख-शांति और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  • पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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माघ माह के जरूरी उपाय

अपने इष्ट देवता की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। हर व्यक्ति का कोई न कोई इष्ट देव होता है। कोई भगवान विष्णु को मानता है, तो कोई भगवान शिव को।

कृपा मिलेगी श्री राम जी की(Kirpa Milegi Shri Ramji Ki)

किरपा मिलेगी श्री राम जी की,
भक्ति करो, भक्ति करो,

हरि हरि हरि सुमिरन करो (Hari Hari Hari Sumiran Karo)

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो,
हरि चरणारविन्द उर धरो

बालाजी ने ध्याले तू: भजन (Balaji Ne Dhyale Tu)

मंगलवार शनिवार,
बालाजी ने ध्याले तू,

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