Bhutadi Amavasya Upay: भूतड़ी अमावस्या पर करें ये उपाय, मिलेगा पितृ दोष से छुटकारा
चैत्र मास की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहते हैं। यह तिथि पितृ तर्पण, श्राद्ध और खास उपायों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन विधिपूर्वक किए गए उपायों से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।
भूतड़ी अमावस्या उपाय
- भूतड़ी अमावस्या के दिन पूजा-पाठ करके मंदिर में या गरीबों को काले तिल का दान करें। इससे आपके जीवन में नकारात्मकता दूर होती है।
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और सूर्योदय से पहले पीपल की जड़ में जल चढ़ाएं। फिर घी का दीपक जलाकर 11 बार परिक्रमा करें।
- भूतड़ी अमावस्या के दिन सफेद कपड़े दान करनी चाहिए, इससे घर में शांति बनी रहती है।
- भूतड़ी अमावस्या के दिन सुबह उठकर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करें। फिर अपने पितरों का श्राद्ध कर उनके नाम पर गरीबों और ब्राह्मणों को दान दें तथा उन्हें भोजन कराएं।
- इस दिन आटे की गोलियाँ बनाकर मछलियों को खिलाने का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार, मछलियों का पेट भरने से वह आपको आशीर्वाद देती हैं, जिससे पितृ दोष भी समाप्त हो जाता है।
- भूतड़ी अमावस्या के दिन काले कपड़े में काला तिल बांधकर बहते हुए नदी में प्रवाहित करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा आपसे दूर रहती है और जीवन में सकारात्मकता का आगमन होता है।
- भूतड़ी अमावस्या के दिन गाय, कुत्ते, और कौवे को भोजन कराना चाहिए। इससे पितृदोष समाप्त होता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- भूतड़ी अमावस्या के दिन सुबह और शाम दोनों समय घर में शंख बजाएं। इससे घर का वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मकता नहीं आती है।
भूतड़ी अमावस्या उपाय का महत्व
- भूतड़ी अमावस्या के दिन इन उपायों को करने से हमारे पूर्वजों को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- जब हमारे पितृ खुश रहते हैं तो हमारे सारे कार्य निरविघ्न हो जाते हैं, इसलिए इस दिन इन उपायों को करना बहुत लाभदायक माना जाता है।
- काले तिल का दान, घी का दीपक जलाना और शंख बजाने से घर में फैली हुई नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। साथ ही घर का वातावरण शुद्ध रहता है और देवी लक्ष्मी का आगमन होता है।
- इन उपायों को करने से मन में शांति बनी रहती है और शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक होता है।
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