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भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान कैसे मिला?

भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान कैसे मिला?

Bhishma Ashtami 2025: भीष्म पितामह को किसने दिया था इच्छा मृत्यु का वरदान? जानें इसके पीछे की वजह


वेदों के रचयिता वेदव्यास जी ने महाभारत महाकाव्य की रचना की है। इस महाकाव्य में प्रमुख स्तंभ भीष्म पितामह को बताया गया है। हस्तिनापुर के राजा शांतनु का विवाह देवी गंगा से हुआ था। उनके पुत्र देवव्रत (जो आगे चलकर भीष्म पितामह कहलाए) बचपन से ही अत्यंत बुद्धिमान और पराक्रमी थे। उन्होंने महर्षि परशुराम से शस्त्रविद्या सीखी और एक कुशल योद्धा बने।


एक बार जब शांतनु आखेट के लिए निकले तो आखेट करते-करते वन में दूर निकल गए। इसके बाद अंधेरा होने के चलते वह वापस नहीं आ पाए। उस समय उन्हें वन में एक आश्रम मिला। जहां उनकी मुलाकात सत्यवती से हुई और दोनों मन ही मन में एक दूसरे को चाहने लगे। 


बाद में राजा शांतनु ने सत्यवती नाम की कन्या से विवाह करने की इच्छा जताई। सत्यवती के पिता ने शर्त रखी कि केवल उनकी संतान ही हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठेगी। 


अपने पिता की इच्छा को सर्वोपरि रखते हुए देवव्रत ने न केवल सिंहासन छोड़ने की प्रतिज्ञा ली, बल्कि भीष्म पितामह ने आजीवन विवाह न करने की भी प्रतिज्ञा ली। इस त्याग के कारण उनके पिता ने उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान दिया था। उनकी इस प्रतिज्ञा के कारण उन्हें "भीष्म" की उपाधि मिली।


महाभारत युद्ध और भीष्म पितामह का बलिदान


महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह कौरवों के सेनापति थे। पांडवों ने शिखंडी को सामने कर दिया, जिससे भीष्म ने शस्त्र छोड़ दिए और अर्जुन ने उन पर बाणों की वर्षा कर दी।

18 दिनों तक बाणों की शय्या पर रहने के बाद सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश करने पर उन्होंने प्राण त्याग दिए।




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14 March 2025 Panchang (14 मार्च 2025 का पंचांग)

पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। इस तिथि पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और शूल योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।

15 March 2025 Panchang (15 मार्च 2025 का पंचांग)

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस तिथि पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और गण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।

16 March 2025 Panchang (16 मार्च 2025 का पंचांग)

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस तिथि पर हस्त नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है।

17 March 2025 Panchang (17 मार्च 2025 का पंचांग)

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा तुला राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।

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