नवीनतम लेख
भानु सप्तमी एक महत्वपूर्ण तिथि है जो सूर्य देव की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। भानु सप्तमी को अर्क सप्तमी, अचला सप्तमी, सूर्य रथ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी, सूर्य सप्तमी आदि नामों से भी जाना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के जीवन में कोई भी किसी भी प्रकार की परेशानी आ रही है, तो भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है। साथ ही उसका जीवन धन और धान्य से भर जाता है। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। ऐसे में आइये जानते हैं दिसंबर माह में भानु सप्तमी कब मनाई जा रही है? साथ ही जानेंगे इस दिन का स्नान-दान के शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में ।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सप्तमी तिथि पर यदि रविवार होता है, तो उस दिन भानु सप्तमी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष मास में ये विशेष संयोग 08 दिसंबर, रविवार को बन रहा है। ऐसे में 08 दिसंबर को 'भानु सप्तमी' मनाई जाएगी। साथ ही पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का आरंभ 07 दिसंबर को रात 11 बजकर 05 मिनट से लेकर इसका समापन 08 दिसंबर को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के हिसाब से भानु सप्तमी का व्रत भी 08 दिसंबर को ही रखा जाएगा।
भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 01 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 33 मिनट तक है। इस दौरान आप विधिवत रूप से सूर्यदेव की पूजा करें। भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा करने के लिए कुल आधे घंटे का समय है।
भानु सप्तमी के दिन स्नान-दान अभिजित मुहूर्त में किया जा सकता है। जो सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को आरोग्य, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति को कभी भी कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है और सौभाग्य में भी वृद्धि हो सकती है। आइए जानते हैं भानु सप्तमी की पूजा विधि और इसके लाभ।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।