बसंत पंचमी पूजा विधि

Basant Panchami 2024 Puja Vidhi: बसंत पंचमी के दिन ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा, ज्ञान का मिलेगा वरदान


बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे से 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे तक है। उदया तिथि के अनुसार बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी। अगर आप भी बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा कर रहे हैं, तो इससे पहले आपको बसंत पंचमी की पूजा विधि के बारे में पता होना बहुत आवश्यक है, जिससे पूजा में किसी भी प्रकार की बाधा न आए। चलिए जानते हैं बसंत पंचमी पूजा विधि के बारे में।


बसंत पंचमी पूजा विधि


  • बसंत पंचमी के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें। क्योंकि मां सरस्वती को पीला रंग बेहद प्रिय है।
  • घर के ईशान कोण में एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को स्थापित करें।
  • मां सरस्वती की मूर्ति के पास एक कलश में जल भरकर उसमें पान, सुपारी और दक्षिणा रखें।
  • अब उन्हें पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें और पीले रंग का पुष्प, रोली, केसर, हल्दी, चंदन और अक्षत चढ़ाएं।
  • इसके बाद घी का दीपक जलाएं और आरती करें। मां सरस्वती के मंत्रों का जाप और मां सरस्वती स्तुति का पाठ करें।
  • मां सरस्वती को इस दिन आप केसर युक्त खीर का भोग लगाएं या फिर बेसन के लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं। भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के तौर पर परिवार के सदस्यों में बांट दें और स्वयं भी प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।


मां सरस्वती के मंत्र


1.या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।

   या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।।

  या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता।

  सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।



2. ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।

   कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।।

   वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।

   रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।।

   सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।

    वन्दे भक्तया वन्दिता च।।



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हम हाथ उठा कर कहते है,
हम हो गए शंकर बाबा के,

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नामवली: रामायण मनका 108(Namavali: Ramayan Manka 108)

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