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बरसाने में हर साल लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है। इस साल 2025 में यह त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ राधारानी से भेंट करने के लिए बरसाना गए, और वहां जाकर राधारानी और उनकी सखियों को छेड़ने लगे। जिससे राधारानी और उनकी सखियों ने परेशान होकर भगवान श्रीकृष्ण सहित उनके मित्रों को भी लाठी मारकर भगा दिया। तभी से बरसाने में यह एक त्योहार की तरह मनाया जाने लगा।
बरसाने की होली पूरे भारत में बहुत प्रसिद्ध है क्योंकि यहां भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने होली खेली थी। इसलिए यहां होली का उत्सव बहुत दिन पहले से ही शुरू हो जाता है और कुल 40 दिनों तक चलता है। पहली होली बसंत पंचमी को खेली जाती है और रंग पंचमी के दिन यह उत्सव समाप्त होता है। और इस साल इस उत्सव की शुरुआत 3 फरवरी से हो चुकी है, जो 19 मार्च तक चलेगी।
बरसाने में न केवल लट्ठमार होली प्रसिद्ध है, बल्कि होली के कई प्रकार भी हैं जो होली त्योहार के 40 दिनों के उत्सव में खेले जाते हैं। ये सभी प्रकार की होलियां राधा-कृष्ण के प्रेम की लीलाओं को दर्शाती हैं। चलिए उन होलियों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
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