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आषाढ़ माह गुप्त नवरात्रि के उपाय

आषाढ़ माह गुप्त नवरात्रि के उपाय

Ashadha Gupt Navratri Upay: आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि से पहले कर लें यह उपाय, हर परेशानी से मिलेगा छुटकारा 

गुप्त नवरात्रि का समय तांत्रिक साधनाओं और दिव्य उपायों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। 2025 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 26 जून से 04 जुलाई तक मनाई जाएगी। इस नवरात्रि से पूर्व कुछ सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय करने से जीवन की समस्याओं का समाधान संभव होता है। विशेष रूप से आर्थिक समस्याएं, शत्रु बाधाएं, और पारिवारिक तनाव से छुटकारा पाने के लिए ये उपाय कारगर माने गए हैं।

काली हल्दी का उपाय 

काली हल्दी को धन और तंत्र संबंधित कार्यों में अत्यंत प्रभावी माना गया है।

शनिवार के दिन, एक टुकड़ा काली हल्दी लें। इसे सिंदूर से रंगें और लाल कपड़े में बांधें। अब इसे अपनी तिजोरी या जहां आप पैसे रखते हैं, उस स्थान पर स्थापित करें।

यह उपाय न केवल आर्थिक तंगी दूर करता है, बल्कि शत्रु बाधाओं और बुरी नजर से भी रक्षा करता है। काली हल्दी को मां दुर्गा के तांत्रिक स्वरूपों की पूजा में भी अत्यंत शुभ माना गया है।

कपूर और लौंग का उपाय 

घर में नकारात्मक ऊर्जा या कलह का वातावरण हो, तो यह उपाय लाभकारी होता है। एक कटोरी में कपूर और लौंग लें। उसे जलाकर पूरे घर में, विशेष रूप से उन स्थानों पर, जहां झगड़े होते हैं, उसे घुमाएं। 

यह उपाय घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और शांति तथा सकारात्मकता को बनाए रखती है।

काली मिर्च का उपाय 

रात में एक कटोरी में काली मिर्च रखें। उसे घर के किसी कोने में रखें, जहां किसी की नजर न पड़े। अगली सुबह उसे निर्जन स्थान पर फेंक दें या मिट्टी में गाड़ दें।

यह उपाय विशेष रूप से बुरी नजर और छुपी हुई नकारात्मक शक्तियों को निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है।

पीपल के पत्ते का उपाय 

धन लाभ और सुख-समृद्धि के लिए यह उपाय बहुत सरल और प्रभावी माना जाता है। पीपल के एक ताजे पत्ते पर ‘राम’ नाम लिखें। उस पर कुछ मीठा, जैसे बताशा या गुड़ रखें। फिर इसे हनुमान मंदिर में अर्पित करें।

इस उपाय से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और धन संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है।

कौड़ी और अक्षत का उपाय

गुप्त नवरात्रि के दौरान धन वृद्धि के लिए यह विशेष उपाय किया जाता है। एक लाल कपड़ा लें, उसमें अक्षत और कुछ सफेद या पीली कौड़ियां रखें। इसे बांधकर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर स्थापित करें।

ऐसा करने से धन आगमन के मार्ग खुलते हैं और आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आने लगता है।

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भगवान दत्तात्रेय की पौराणिक कथा

मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों के अंश माने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। भगवान दत्तात्रेय को गुरु और भगवान दोनों की उपाधि दी गई है।

अन्नपूर्णा जयंती पर बन रहा ये दुर्लभ योग

वैदिक पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा और भगवान शिव की पूजा होती है।

अन्नपूर्णा जयंती पर कितने दीप जलाएं?

माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी जाती हैं। इस कारण इस दिन भूल से भी किसी तरह के अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए।

मंगलदेव की पूजा किस विधि से करें?

ज्योतिष शास्त्र में मंगलदेव को युद्ध का देवता कहा जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को ऊर्जा और साहस मिलती है। वहीं अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल उच्च स्थिति मे होते हैं, तो उन्हें मांगलिक कहा जाता है।

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