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आषाढ़ में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी

आषाढ़ में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी

Ashad 2025 Krishna Janmashtami: जानें आषाढ़ महीने में मासिक जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं विशेष योग 

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण की मासिक जन्माष्टमी मनाई जाती है। भले ही भाद्रपद मास में आने वाली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सबसे प्रसिद्ध और व्यापक रूप से मनाई जाती है, लेकिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का भी विशिष्ट धार्मिक महत्त्व है। यह व्रत और रात्रि पूजन भगवान श्रीकृष्ण के प्रति समर्पण और साधना का प्रतीक माना जाता है।

निशिता काल में करें कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा 

आषाढ़ महीने में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 18 जून, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दोपहर 1:34 बजे से शुरू होकर 19 जून को सुबह 11:55 बजे तक रहेगी। विशेष बात यह है कि इस अष्टमी तिथि के दौरान निशिता काल में पूजा करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। निशिता पूजा मुहूर्त 18 जून की रात 12:04 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा। इस समय भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, और इसलिए इस मुहूर्त में पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित की जाती है धनिया की पंजीरी 

  • मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन उपवास रखने की परंपरा है और भक्त इस दिन फलाहार करते हैं। 
  • रात्रि में निशिता काल में भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत स्नान कराकर उनका श्रृंगार किया जाता है, दीप प्रज्वलित कर विशेष मंत्रों के साथ पूजा की जाती है।
  • श्रीकृष्ण के प्रिय भोग जैसे माखन, मिश्री, तुलसी पत्र और धनिया पंजीरी अर्पित किए जाते हैं। 
  • इसके अलावा, इस दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
  • साथ ही, कई भक्त रात भर जागरण कर श्रीकृष्ण लीला का कीर्तन भी करते हैं।

मासिक जन्माष्टमी से भक्तों को मिलती है सुख-शांति

मासिक जन्माष्टमी के दिन किए गए व्रत, दान, और जप का फल कई गुना अधिक मिलता है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मासिक जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं, उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से जीवन में सुख-शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह व्रत खासकर उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो हर महीने श्रीकृष्ण से जुड़ाव बनाए रखना चाहते हैं।

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जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से (Jiski Lagi Lagan Bholenath Se)

जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से,
वो डरता नहीं किसी बात से,

जिसकी लागी रे लगन भगवान में (Jiski Lagi Re Lagan Bhagwan Mein)

जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
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जिसको जीवन में मिला सत्संग है (Jisko jivan Main Mila Satsang Hai)

जिसके जीवन मैं मिला सत्संग हैं,
उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।

Jis Bhajan Mein Ram Ka Nam Na Ho (जिस भजन में राम का नाम ना हो)

जिस भजन में राम का नाम ना हो,
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