8 से 14 अप्रैल 2025 व्रत/त्योहार

Week Vrat Tyohar  08 To 14 April: अप्रैल के दूसरे हफ्ते में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें लिस्ट

अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अप्रैल साल का चौथा महीना होता है। अप्रैल का दूसरा हफ्ता विभिन्न त्योहारों और उत्सवों से भरा हुआ है। इस हफ्ते में कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे। जिनमें हनुमान जयंती, कामदा एकादशी, प्रदोष व्रत और अन्य शामिल हैं। ये त्योहार न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं, बल्कि हमार जीवन को अध्यात्मिक और धार्मिक मूल्यों से भी भर सकते हैं। आइए इस आर्टिकल में अप्रैल के दूसरे हफ्ते में पड़ने वाले इन महत्वपूर्ण त्योहारों के बारे में जानते हैं और उनके धार्मिक महत्व को समझते हैं।

8 से 14 अप्रैल 2025 के व्रत-त्यौहार

  • 8 अप्रैल 2025 - कामदा एकादशी 
  • 9 अप्रैल 2025 - वामन द्वादशी 
  • 10 अप्रैल 2025 - महावीर स्वामी जंयती, प्रदोष व्रत 
  • 11 अप्रैल 2025 - महालक्ष्मी जयंती, पंगुनी उथिरम्
  • 12 अप्रैल 2025 - हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा
  • 13 अप्रैल 2025 - वैशाख प्रारंभ 
  • 14 अप्रैल 2025 - मैष संक्रांति 

8 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

8 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • कामदा एकादशी - चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है, जो चैत्र नवरात्रि और राम नवमी के बाद पहली एकादशी है। यह त्योहार मार्च या अप्रैल में पड़ता है। कामदा एकादशी का उपवास करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। यहां तक कि ब्राह्मण की हत्या का पाप भी मिट जाता है। एकादशी के व्रत को समाप्त करने के लिए अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है, जो द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना आवश्यक है।

9 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

9 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • वामन द्वादशी - वामन द्वादशी एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है, जो हर साल दो बार- चैत्र और भाद्रपद मास की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान वामन यानी श्री हरि के प्रथम अवतार की पूजा की जाती है। उन्होंने देवताओं और राक्षसों के बीच शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए बौने रूप में अवतार लिया था। वामन द्वादशी पर वामन देव की पूजा होती है। यह एक ऐसा दिन है जो बुराई पर अच्छाई और अहंकार पर भक्ति की जीत का प्रतीक है। माना जाता है कि इस दिन भगवान वामन की पूजा करने से भक्त मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही पिछले जन्म के पापों और कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं। इस दिन सच्ची आस्था से वामन देव की पूजा करने से सांसारिक सुखों और खुशियों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

10 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

10 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • महावीर स्वामी जंयती - महावीर जयंती जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा महावीर मुनि के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें वर्धमान के नाम से भी जाना जाता है। महावीर मुनि जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे, जिन्होंने जैन धर्म के मूल सिद्धांतों की स्थापना की थी। उनका जन्म 599 ई.पू. में चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बिहार के वैशाली जिले में स्थित कुण्डलग्राम में हुआ था और वह 72 वर्ष की आयु में 527 ई.पू. में अन्तर्धान हो गए थे।
  • प्रदोष व्रत - प्रदोष व्रत चंद्र मास की दोनों त्रयोदशी तिथियों पर किया जाता है, जिसमें एक शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण पक्ष में पड़ता है। इस व्रत के दिन के अनुसार भी इसके नाम अलग-अलग होते हैं। जैसे कि सोमवार को सोम प्रदोष, मंगलवार को भौम प्रदोष और शनिवार को शनि प्रदोष। इस व्रत का उद्देश्य भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना है और इसका पालन करने से भक्तों को शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।

11 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

11 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • महालक्ष्मी जयंती - इस दिन क्षीर सागर के पौराणिक समुद्रमंथन के समय देवी महालक्ष्मी का प्रकाट्य हुआ था। इसलिए इसे महालक्ष्मी जयंती के रूप में जाना जाता है
  • पंगुनी उथिरम् - पंगुनी उथिरम् तमिल हिन्दुओं के लिये एक अत्यन्त महत्वपूर्ण दिन होता है। मान्यताओं के अनुसार, अधिकांश दैवीय विवाह इसी दिन सम्पन्न हुये थे। देवी पार्वती एवं भगवान शिव, देवी देवयानै एवं भगवान मुरुगन तथा देवी सीता एवं भगवान राम का विवाह पंगुनी उथिरम् के दिन ही आयोजित किया गया था। यह माना जाता है कि, देवी पार्वती ने गौरी के रूप में काँचीपुरम नामक स्थान पर भगवान शिव से विवाह किया था। इस विश्वास के कारण पंगुनी उथिरम् को गौरी कल्याणम् दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन को भगवान अयप्पन जयन्ती के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान विष्णु के स्त्री रूप मोहिनी, तथा भगवान शिव के मिलन के कारण भगवान अयप्पन का जन्म हुआ था।

12 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

12 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • हनुमान जयंती - हनुमान जयन्ती चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो भगवान हनुमान के जन्मदिवस का प्रतीक है। माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। इसलिए इस दिन प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में मन्दिरों में आध्यात्मिक प्रवचनों का आयोजन किया जाता है। हनुमान जी भगवान राम और सीता माता के अनन्य भक्त हैं और उन्हें आञ्जनेय के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाने से भक्तों को उनकी भक्ति और शक्ति की प्रेरणा मिलती है।
  • चैत्र पूर्णिमा - हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथियों को अत्यन्त शुभ माना जाता है। साथ ही चैत्र पूर्णिमा वर्ष की प्रथम पूर्णिमा है, जो युगादि और गुड़ी पड़वा के बाद आती है। इस दिन हनुमान जयन्ती मनाई जाती है, जो हनुमान जी के जन्म के वर्षगाँठ का प्रतीक है। इसके अलावा पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु के प्रिय स्वरूप भगवान सत्यनारायण की पूजा-अर्चना की जाती है और सत्यनारायण व्रत का पालन किया जाता है। इस दिन चैत्र पूर्णिमा का व्रत भी रखा जाता है। 

13 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

13 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है: 

  • वैशाख प्रारंभ - वैशाख मास पारंपरिक हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में अप्रैल और मई के साथ मेल खाता है। इस महीने की विशेषता यह है कि भगवान विष्णु इसके अधिपति माने जाते हैं और उनकी पूजा की जाती है, जिसमें तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व है। वैशाख मास में स्नान-दान, व्रत और पूजा-पाठ किया जाता है। मान्यता है कि इस महीने में किए गए दान से मिलने वाले पुण्य का कभी अंत नहीं होता है।

14 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार 

14 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है:

  • मेष संक्रांति - मेष संक्राति को महा विशुव संक्राति के नाम से भी जाना जाता है, जो वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने का दिन है। इस दिन अधिकांश हिन्दु सौर कैलेण्डरों में नववर्ष का आरम्भ होता है। मेष संक्रान्ति को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे कि असम में बिहू और पंजाब में वैसाखी के रूप में।

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आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में (Aana Ganapati Deva Hamare Ghar Kirtan Mein)

आना गणपति देवा,
हमारे घर कीर्तन में,

अप्रैल 2025 व्रत-त्योहार

अप्रैल का महीना वसंत ऋतु की सुंदरता और त्योहारों की धूमधाम के साथ एक विशेष महत्व रखता है। यह माह प्रकृति के रंग-बिरंगे रूप को दर्शाता है। इस समय कई धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं।

भगत पुकारे आज मावड़ी(Bhagat Pukare Aaj Mawadi)

भादी मावस है आई,
भक्ता मिल ज्योत जगाई,

चैत्र महीना भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे चैत्र माह में मनाया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस वर्ष भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।

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