April 2025 Ekadashi Date: अप्रैल महीने में कब-कब हैं पड़ेगी एकादशी, व्रत-पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, अप्रैल 2025 में चैत्र और वैशाख माह रहेगा। इस दौरान दो महत्वपूर्ण एकादशी व्रत आएंगे—कामदा एकादशी और वरुथिनी एकादशी। एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह भगवान विष्णु को समर्पित है।
इस दिन उपवास करने और भगवान विष्णु की आराधना करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। अप्रैल माह में पड़ने वाली इन दोनों एकादशी का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धापूर्वक इन एकादशी का व्रत रखते हैं, वे पाप मुक्त होकर विष्णु लोक की प्राप्ति करते हैं। इस लेख में हम आपको अप्रैल 2025 में पड़ने वाली एकादशी तिथियां, उनके शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व के बारे में विस्तार से बताएंगे।
अप्रैल 2025 में पड़ने वाली एकादशी तिथियां
कामदा एकादशी – 8 अप्रैल 2025, मंगलवार
वरुथिनी एकादशी – 24 अप्रैल 2025, गुरुवार
कामदा एकादशी – व्रत विधि और महत्व
कामदा एकादशी चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी होती है। इसे हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति इस व्रत को सच्चे मन से करता है, उसे भूत-प्रेत और पिशाच से मुक्ति मिलती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है, जो अपने जीवन में पापों से छुटकारा पाकर मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं।
कामदा एकादशी की पूजा विधि :
- प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें और भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करें।
- भगवान विष्णु को पंचामृत, तुलसी पत्र, फल और मिष्ठान अर्पित करें।
- देसी घी का दीपक जलाकर विष्णु जी की आरती करें।
- यदि घर में लड्डू गोपाल हैं, तो उन्हें भी सुंदर वस्त्र पहनाकर सजाएं और भोग अर्पित करें।
- पूरे दिन भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करें और रात्रि जागरण करें।
- द्वादशी तिथि के दिन व्रत का पारण करें और किसी गरीब अथवा ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
कामदा एकादशी के लाभ:
- इस व्रत को करने से व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिलती है।
- भूत-प्रेत और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।
- विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
- यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लेकर आता है।
वरुथिनी एकादशी – व्रत विधि और महत्व
वरुथिनी एकादशी वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है। यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी मानी जाती है। हिंदू धर्म के अलावा जैन धर्म में भी इसका विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन व्रत करने से 10,000 वर्षों की तपस्या के बराबर फल प्राप्त होता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को श्री हरि विष्णु जी के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।
वरुथिनी एकादशी की पूजा विधि:
- प्रातःकाल सूर्योदय से पहले स्नान करें। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें, अन्यथा घर पर ही गंगाजल मिले जल से स्नान करें।
- स्वच्छ वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
- भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक जलाएं और संकल्प लें कि आप यह व्रत पूरी श्रद्धा के साथ करेंगे।
- दिनभर भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के भजन गाएं और केसर वाली खीर का प्रसाद अर्पित करें।
- व्रत के दौरान सात्विक आहार लें और मन में किसी के प्रति बुरा विचार न लाएं।
- अगले दिन द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान-दक्षिणा दें।
- भगवान विष्णु को कमल का फूल अर्पित करना इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है।
वरुथिनी एकादशी का महत्व:
- इस व्रत को करने से 10,000 वर्षों की तपस्या का फल प्राप्त होता है।
- व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है।
- यह व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
- मोक्ष प्राप्ति के लिए इस एकादशी व्रत को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।
अप्रैल 2025 की एकादशी: तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
अप्रैल 2025 में दो महत्वपूर्ण एकादशी व्रत—कामदा एकादशी और वरुथिनी एकादशी—आने वाले हैं। इन दोनों एकादशियों का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि आप भी इन व्रतों का पालन करना चाहते हैं, तो ऊपर बताई गई विधि के अनुसार पूजा करें और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें। अप्रैल में
एकादशी व्रत की तिथियां और शुभ मुहूर्त
- कामदा एकादशी - 8 अप्रैल 2025 मंगलवार प्रातः 06:00 से रात्रि 08:00
- वरुथिनी एकादशी - 24 अप्रैल 2025 गुरुवार प्रातः 06:10 से रात्रि 08:15
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