अन्नपूर्णा जयंती पर कितने दीप जलाएं?

Annapurna Jayanti 2024: अन्नपूर्णा जयंती के दिन रसोई घर में कितने दीपक जलाने चाहिए? 


माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी जाती हैं। इस कारण इस दिन भूल से भी किसी तरह के अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन रसोई, चूल्हे, गैस इत्यादि का पूजन करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं पड़ती और अन्नपूर्णा देवी की कृपा साधक पर सदा बनी रहती है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन माँ अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है और इस दिन रसोई घर में दीपक जलाने की प्रथा है। तो आइए इस आलेख में विस्तार से इस बारे में जानते हैं। 


पुर्णिमा के दिन मनाई जाएगी जयंती


हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि के दिन अन्नपूर्णा जयंती  है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मां अन्नपूर्णा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इसलिए, इस दिन मां अन्नपूर्णा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। जिससे घर में धन और समृद्धि की कभी कमी ना हो। 


सात दीपक जलाने से खुश होंगी मां अन्नपूर्णा


अन्नपूर्णा जयंती के दिन रसोईघर में एक चौमुखी अथवा सात अलग- अलग दीपक जलाने से मां अन्नपूर्णा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। माना जाता है कि इससे भक्तों का घर धन- धान्य से वर्ष भर भरा रहता है। बता दें कि इन सात दीपकों को अलग अलग स्थानों पर रखना चाहिए। एक दीपक चूल्हे के पास, दूसरा मां अन्नपूर्णा के चित्र के आगे, तीसरा अनाज के भंडार या जहां अन्न रखते हों वहां और चौथा दीपक जल रखने वाली जगह पर रखना चाहिए। वहीं, पांचवां मुख्य द्वार पर और छठा किसी ऊंचाई वाले पवित्र स्थान पर रखना चाहिए तथा सातवां दीपक रसोई में छोटी सी रंगोली बनाकर उसके ऊपर रखनी चाहिए। रसोईघर में दीपक जलाने के दौरान आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। 


  1. अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकर प्राण वल्लभे। ज्ञान वैराग्य सिद्ध्य भिक्षां देहि च पार्वति।।
  2. ऊँ ह्रीं नमो भगवति माहेश्वर्य अन्नपूर्णे स्वाहा।
  3. कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी उमाशङ्करी कौमारी निगमार्थगोचरकरी ओङ्कारबीजाक्षरी।


जानिए माता अन्नपूर्णा की पूजन विधि 


  1. इस दिन सुबह रसोई घर में साफ- सफाई करनी चाहिए और गंगा जल छिड़ककर घर को शुद्ध कर लेना चाहिए। 
  2. इसके बाद भोजन पकाने वाले चूल्हें का हल्दी, कुमकुम, चावल, पुष्प, धूप एवं दीपक से पूजन करें।
  3. रसोई घर में ही माता पार्वती एवं भगवान शंकर जी की पूजा करनी चाहिए। 
  4. रसोई घर में ही मां अन्नपूर्णा की पूजा करें और प्रार्थना करें कि “हे माता हमारे घर-परिवार में सदैव अन्न, जल भरा रहे।”
  5. पूजा के बाद घर में बना हुआ भोजन गरीबों को खिलाना चाहिए। 


इस दिन जरूर करें दान 


ऐसा माना जाता है कि इस दिन रसोई, चूल्हे, गैस आदि का पूजन करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है और अन्नपूर्णा देवी की कृपा सदा उनके भक्तों के ऊपर बनी रहती है। बता दें कि माता अन्नपूर्णा अन्न की ही देवी हैं इस कारण हमें किसी भी रूप में अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए। अन्नपूर्णा जयंती के दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा की के बाद दान-पुण्य करने का विशेष महत्त्व होता है।


........................................................................................................
शेर पे सवार होके आजा शेरावालिए (Sher Pe Sawar Hoke Aaja Sherawaliye)

शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये। (शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये।)

जहाँ आसमां झुके जमीं पर (Jahan Aasman Jhuke Zameen Par)

जहाँ आसमां झुके जमीं पर,
सर झुकता संसार का,

मैय्या का चोला है रंगला

हो, लाली मेरी मात की, जित देखूँ तित लाल
लाली देखन मैं गया, मैं भी हो ग्या लाल

भोले शिव मंगलकारी, भोले की महिमा न्यारी (Bhole Shiv Mangalkari Bhole Ki Mahima Nyari)

भोले शिव मंगलकारी,
भोले की महिमा न्यारी,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।