अन्नपूर्णा जयंती पर क्या दान करें

Annapurna Jayanti 2024 Daan: अन्नपूर्णा जयंती के दिन इन चीजों का करें दान, कभी नहीं होगी धन-धान्य की कमी!


सनातन धर्म में अन्नपूर्णा जयंती का दिन मां अन्नपूर्णा को समर्पित किया  है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन दान का भी बहुत महत्व होता है। इस दिन दान करना बेहद ही शुभ माना गया है। इस दिन दान पुण्य करने की मान्यता है। ऐसा इसलिए भी करना चाहिए क्योंकि इस दिन दान करने वालों के घर में कभी भी उन्हें अन्न की कमी नहीं होती। जो लोग इस दिन पूरे विधि-विधान से मां की पूजा करते हैं, मां अन्नपूर्णा उनकी जिंदगी के सभी दुखों को दूर करती हैं। तो आइए इस दिन दान के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


कब है अन्नपूर्णा जयंती? 


हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। इस साल 14 दिसंबर को 4 बजकर 58 मिनट से मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, इस तिथि की समाप्ति 15 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी।


अन्नपूर्णा जयंती के दिन इन वस्तुओं का करें दान


अन्नपूर्णा जयंती के दिन जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्रों का दान किया जा सकता है। दरअसल, अन्नपूर्णा जयंती के दिन जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्रों का दान करना काफ़ी शुभ होता है। माना जाता है कि जो भी इस दिन अन्न और वस्त्रों का दान करता है, उसका जीवन अन्न और धन के भंडार से हमेशा भरा रहता है। इसके साथ ही इस दिन अन्न और वस्त्र का दान करने वालों को जीवन में कई शुभ परिणाम भी प्राप्त होते हैं। 


जौ और गेंहू का कर सकते हैं दान


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती के दिन जौ का दान बेहद फलदायी माना गया है। दरअसल, जौ का नाता गुरु ग्रह से होता है। ऐसे में अन्नपूर्णा जयंती के दिन जौ का दान करने से गुरु ग्रह कुंडली में मजबूत होते हैं और व्यक्ति की तरक्की में आ रही बाधाएं भी स्वत समाप्त हो जाती हैं। इसके अलावा इस दिन गेंहूं का भी दान किया जा सकता है। क्योंकि, गेहूं को भाग्य का कारक माना जाता है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन गेहूं का दान करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। इससे व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलने लगता है और सौभाग्य में वृद्धि के योग बनते हैं। इनके अलावा अन्नपूर्णा जयंती के दिन उड़द की दाल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शनि दोष का भी निवारण होता है। 


जानिए अन्नपूर्णा माता की पूजा विधि


  • अन्नपूर्णा जयंती के दिन सुबह स्नान के बाद साफ कपड़े पहने।
  • फिर पूजा वाली जगह को गंगाजल से शुद्ध और पवित्र करें। 
  • अगर इस दिन व्रत रखने की इच्छा है तो पहले व्रत का सकंल्प लें। 
  • पूजा से पहले मां अन्नपूर्णा की मूर्ति या तस्वीर पूजा के स्थान पर स्थापित करें। 
  • इसके बाद मां के सामने धूप और दीप जलाएं। 
  • पूजा के लिए पहले कुमकुम, हल्दी, अक्षत, नैवेद्य, तुलसी पत्र आदि पूजास्थल पर रखें।
  • माता अन्नपूर्णा को हलवा, पूड़ी और सब्जी का भोग लगाएं। 
  • पूजा के समय माता अन्नपूर्णा के स्तोत्र और मंत्रों का जप करना लाभकारी होता है।
  • पूजा के समय अक्षत, पुष्प आदि भी माता को चढ़ाएं। 
  • पूजा खत्म होने के बाद घर के लोगों में प्रसाद वितरित करें। 
  • पूजा के दौरान माता के मंत्र ‘ॐ अन्नपूर्णायै नमः’ का 108 बार जाप अवश्य करें, इससे सभी नकारात्मकता दूर होती है। 

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एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥ Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥

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