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26 मई 2025 क्यों है बेहद शुभ

26 मई 2025 क्यों है बेहद शुभ

26 May 2025 Vrat Tyohar: 26 मई की तारीख क्यों मानी जा रही है शुभ, जानिए इस दिन के पर्व और धार्मिक महत्व


हिंदू पंचांग में कुछ दिन विशेष संयोग और त्योहारों के कारण अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इस साल 26 मई भी ऐसा ही एक दिन है, जब एक नहीं बल्कि चार बड़े धार्मिक पर्व एक साथ पड़ रहे हैं। वट सावित्री व्रत, मासिक कार्तिगाई, सोमवती अमावस्या, और शनि जयंती, ये सभी पर्व अपने-अपने महत्व के कारण विशेष श्रद्धा से मनाए जाते हैं। इसलिए इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व कई गुणा बढ़ जाता है।


वट सावित्री व्रत 

विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन वट अर्थात बरगद के वृक्ष की पूजा की जाती है और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनने की परंपरा होती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और पति की लंबी उम्र तथा सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करती हैं।


मासिक कार्तिगाई

मासिक कार्तिगाई दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है जो भगवान शिव और भगवान मुरुगन को समर्पित होता है। यह पर्व हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। भक्तगण इस दिन दीप प्रज्वलन, व्रत, और शिव अभिषेक करते हैं।


सोमवती अमावस्या

जब अमावस्या तिथि सोमवार को आती है, तब उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। यह तिथि अत्यंत पुण्य दायक मानी जाती है और इस वर्ष अमावस्या 26 मई को है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और व्रत किया जाता है।


शनि जयंती

शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली शनि जयंती भी 26 मई की तिथि से ही शुरू होगी। इस दिन भक्त शनि मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, तेल से अभिषेक और दान-पुण्य करते हैं। यह दिन शनि दोष, साढ़े साती, और शनि की दशा के प्रभावों से मुक्ति के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।


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यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)

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यशोमती मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला ॥

यशोमती नन्दन बृजबर नागर (Yashomati Nandan Brijwar Nagar)

यशोमती नन्दन बृजबर नागर,
गोकुल रंजन कान्हा,

वैकुंठ द्वारम, तिरूमाला मंदिर

वैकुंठ एकादशी 10 से 19 जनवरी 2025 तक मनाई जाएगी। वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा बहुत ही शुभ और फलदायी मानी जाती है।

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