Logo

ऊषा अर्घ्य पर कैसे करें फल प्राप्ति

ऊषा अर्घ्य पर कैसे करें फल प्राप्ति

उषा अर्घ्य से कैसे जीवन में आएगी समृद्धि? जानें मनोवांछित फल प्राप्त करने के उपाय


हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को जीवनदायी शक्ति माना गया है। शास्त्रों के अनुसार नित्य भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सौभाग्य, उन्नति और समृद्धि आती है। विशेषकर छठ में सूर्य की पूजा का अत्यधिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन के संकट कम होते हैं बल्कि कार्यक्षेत्र में भी उन्नति होती है। कुंडली में सूर्य संबंधी दोषों का निवारण और परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ाने के लिए यह बेहद ही प्रभावी उपाय माना जाता है। इसके साथ ही मन की शांति और आत्मिक बल में भी वृद्धि होती है।


अर्घ्य देने का नियम और महत्व


मान्यता है कि भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से उनकी विशेष कृपा भक्तों को प्राप्त होती है। विशेषकर कुंडली में सूर्य दोष दूर करने, धन-वैभव, यश और सम्मान पाने के लिए यह उपाय अत्यंत लाभकारी माना गया है। सही विधि से अर्घ्य देने से छठ महापर्व का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।


अर्घ्य देने की विधि 


  1. प्रातः में काल स्नान:- सूर्योदय से पूर्व स्नान कर शुद्धता प्राप्त करें।
  2. कुश आसन:- सूर्योदय के समय एक कुश का आसन लगाकर भगवान भास्कर के सामने खड़े हों।
  3. तांबे के पात्र में जल:- तांबे के पात्र में जल लेकर उसमें मिश्री, लाल पुष्प, रोली, चंदन और अक्षत मिलाएं।
  4. सूर्य दर्शन:- जैसे ही सूर्योदय की नारंगी किरणें दिखाई दें, तांबे के पात्र से इस प्रकार अर्घ्य दें कि जल की धार में सूर्य प्रतिबिंबित हो।
  5. ऊर्जा का ध्यान:- यह ध्यान रखें कि जल धारा आसन पर गिरे, जमीन पर नहीं, ताकि ऊर्जा धरती में ना चली जाए।
  6. मंत्रोचारण:- अर्घ्य देते समय "ऊँ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते, अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकरः" मंत्र का 11 बार जाप करें।


छठ में अर्घ्य देने के फायदे


दिन की शुरुआत अच्छे कार्य से करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। खासकर सूर्य को अर्घ्य देना जीवन में शांति और संतुलन लाता है। सूर्य को ग्रहों का राजा और आत्मा का प्रतीक माना जाता है। प्रतिदिन जल चढ़ाने से समृद्धि, धन-वैभव और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। सूर्य को जल देने से समाज में मान-सम्मान मिलता है और कुंडली में सूर्य दोषों का निवारण होता है। नित्य अर्घ्य देने से शरीर में स्फूर्ति और ऊर्जा बढ़ती है। इससे मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है। अर्घ्य देने से भाग्य उदय होता है और कार्यों में सफलता मिलती है।


सूर्य अर्घ्य देने के अन्य लाभ 


सूर्य की ऊर्जा से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ रहता है। सूर्य को अर्घ्य देने से मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है, जिससे कार्यक्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ सफलता मिलती है। सूर्य अर्घ्य व्यक्ति में धैर्य और विनम्रता का संचार करता है, जो जीवन में सकारात्मकता लाता है। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा से न केवल आध्यात्मिक लाभ होते हैं बल्कि व्यावहारिक जीवन में भी उन्नति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य अर्घ्य से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है और व्यक्ति की कठिनाइयाँ दूर होती हैं।


........................................................................................................
7 April 2025 Panchang (7 अप्रैल 2025 का पंचांग)

आज 07 अप्रैल 2025 चैत्र माह का बाईसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि दशमी है। आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर धृति योग रहेगा।

8 April 2025 Panchang (8 अप्रैल 2025 का पंचांग)

आज 08 अप्रैल 2025 चैत्र माह का तेईसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी है। आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर शूल योग रहेगा।

चैती छठ के सरल उपाय

चैती छठ पूजा 1 अप्रैल 2025 से शुरू होगी। छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें भक्त कड़े नियमों का पालन करते हुए व्रत रखते हैं और उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

चैती छठ के लिए सावधानियां

छठ को भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। छठ का महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है। पहली बार छठ का महापर्व चैत्र महीने में मनाया जाता है जबकि दूसरी बार यह महापर्व कार्तिक महीने में मनाया जाता है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang