मंगलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रद:।
स्थिरासनो महाकाय: सर्व-कर्मावरोधकः॥1॥
अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्तीभृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीलामाङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः॥1॥
बात चाहे पति की लम्बी उम्र के लिए हरतालिका तीज और करवा चौथ का व्रत रखने की हो या फिर बच्चों के सुखी जीवन के लिए संतान सप्तमी के व्रत की, सनातन संस्कृति में मातृशक्ति ऐसे कई सारे व्रत धारण किए हुए हैं जो जगत कल्याण का आधार माना जाता है।
श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार I
राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार II