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भगवत गीता चालीसा ( Bhagwat Geeta Chalisa )
प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ | हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ||१||
ब्रह्मा चालीसा (Brahma Chalisa)
जय जय कमलासान जगमूला, रहहू सदा जनपै अनुकूला ।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
जय जय श्री महालक्ष्मी करूं माता तव ध्यान।
सिद्ध काज मम किजिए निज शिशु सेवक जान।।
श्री गंगा चालीसा (Shri Ganga Chalisa)
जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग ।
जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग ॥
श्री ललीता माता चालीसा (Shri Lalita Mata Chalisa)
जयति जयति जय ललिते माता! तव गुण महिमा है विख्याता ।
तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी! सुर नर मुनि तेरे पद सेवी।
श्री तुलसी चालीसा (Shri Tulsi Chalisa)
श्री तुलसी महारानी, करूं विनय सिरनाय ।
जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय ।।
श्री शीतला माता चालीसा (Shri Shitala Mata Chalisa)
जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान ।
होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥
श्री विन्धेश्वरी चालीसा (Shri Vindheshwari Chalisa)
नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
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