सनातन धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को अर्पित किया गया है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की आराधना से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य और अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी मिलता है। शिवलिंग का जलाभिषेक और मंत्र जाप भक्तों के सभी कष्ट हरते हैं। सोमवार को व्रत रखने और मंत्रों का जाप करने से शिव कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। राशि अनुसार मंत्रों का जाप विशेष फलदायी माना गया है।
भगवान शिव को समर्पित साधकों की संख्या सनातन धर्म में सबसे अधिक है। इन्हें "शैव" कहा जाता है। भगवान शिव को भोलेनाथ, महाकाल, और त्रिपुरारी जैसे कई नामों से जाना जाता है। शिव जी की पूजा से हर तरह के दुखों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और घी चढ़ाने का महत्व शास्त्रों में वर्णित है। पूजा के दौरान भक्त अपनी राशि के अनुसार मंत्रों का जाप करते हैं, जिससे उनकी विशेष मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
प्रत्येक राशि के जातकों के लिए विशेष मंत्र निर्धारित हैं। ये मंत्र भक्त की राशि और ग्रहों की स्थिति के अनुसार जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। आइए जानें, सोमवार के दिन राशि अनुसार कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए:
बता दें कि सोमवार का दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम अवसर है। सही विधि और मंत्रों के साथ की गई पूजा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। शिव कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन के लिए है एक विशेष रंग, जानिए कौन से दिन कौन सा कपड़ा पहनें
दुर्गा पूजा यानी नवरात्र की शुरुआत होने वाली है. ऐसे में लोगों के सिर पर नवरात्र के पावन पर्व का भक्तिमय रंग और पर्व की उमंग दोनों ही परवान चढ़ने लगे हैं। चारों तरह की नवरात्रि में सचमुच शारदीय नवरात्र ही सबसे भव्य और खास नवरात्र होती है।
माता पार्वती का एक रूप और दस महाविद्याओं में से एक मां धूमावती हैं। माता के इस अवतार को लेकर कई कथाएं हैं जो बड़ी विचित्र हैं।
भगवान शिव का एक नाम मतंग भी है। शिव की शक्ति से उत्पन्न दस महाविद्याओं में से एक देवी मातंगी का नाम शिव के मतंग नाम से ही पड़ा है।