हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन का एक खास महत्व होता है। हर दिन किसी न किसी देवी या देवता को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जिस दिन जिस देवी-देवता की पूजा की जाती है, उस दिन उनकी पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। रविवार का दिन भगवान सूर्य, माता दुर्गा और भगवान भैरव की पूजा के लिए खास माना जाता है। इस दिन इनकी विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और भय से मुक्ति मिलती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि रविवार के दिन इनका पूजा करने का क्या है धार्मिक महत्व और क्या मिलता है लाभ।
रविवार को मुख्य रूप से सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार, सूर्य देव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं और उनकी आराधना करते हैं, उनके जीवन में भाग्य का उदय होता है। रविवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में साफ जल भरें और उसमें थोड़ा गंगाजल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। साथ ही 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें। इससे रोग-व्याधियां दूर रहती हैं और मानसिक शांति मिलती है।
रविवार के दिन मां दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। इस दिन माता को लाल रंग की वस्तुएं जैसे लाल कपड़े, लाल फूल, लाल चंदन और लाल फल अर्पित करने चाहिए। इससे जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और सुख-शांति आती है। पूजा के दौरान दुर्गा माता के महामंत्र 'सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते' का जप अवश्य करें। यह मंत्र बहुत शक्तिशाली माना जाता है और मनोकामनाओं की पूर्ति करता है।
भगवान भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। रविवार के दिन भैरव बाबा की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है और जीवन में साहस बढ़ता है। इस दिन भैरव जी को पुष्प, नारियल, पान, मौसमी फल, सिंदूर और मदिरा आदि अर्पित की जाती है। साथ ही इस दिन 'ॐ काल भैरवाय नमः' मंत्र का जाप करें। इससे साधक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भय समाप्त होता है।
बालाजी की दुनिया दीवानी,
सब ही जाने इनकी कहानी,
बालाजी मने राम मिलन की आस,
बतादो कब मिलवाओगे ।
बाँधा था द्रौपदी ने तुम्हे,
चार तार में ।
बाँधु जिसपे राखी,
वो कलाई चाहिए,