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हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत पापों से छुटकारा पाने और जीवन में सुखों की प्राप्ति के लिए किया जाता है। पौष माह में पड़ने वाली एकादशी व्रत तिथियां विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, जिनमें सफला एकादशी और पुत्रदा एकादशी शामिल हैं।
पंचांग के अनुसार, सोमवार यानी 16 दिसंबर से पौष माह की शुरुआत हो गई है और इसका समापन अगले साल यानी 13 जनवरी 2025 को होगा। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है तो वहीं शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसे में पौष माह में ये एकादशी व्रत कब पड़ रहे हैं, इन एकादशी व्रतों का महत्व और लाभ जानने से पहले आइए जानते हैं कि एकादशी व्रत क्या है और इसका क्या महत्व है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशेष महत्व है। एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत किया जाता है। यह व्रत पापों से छुटकारा पाने और जीवन में सुखों की प्राप्ति के लिए किया जाता है। पौष माह में पड़ने वाली एकादशी व्रत तिथियों का विशेष महत्व है। इन तिथियों पर व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है और पापों से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं कि पौष माह में एकादशी व्रत कब-कब रखा जाएगा और इसका क्या महत्व है।
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर को रात 10:29 मिनट पर शुरू होगी और 27 दिसंबर को देर रात 12:43 मिनट तक जारी रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पौष सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा। भक्त 26 दिसंबर को सफला एकादशी का व्रत रख सकते हैं और इसी दिन भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं। यह एकादशी तिथि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है और पापों से छुटकारा मिलता है।
26 दिसंबर को सफला एकादशी वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:23 बजे से सुबह 06:17 बजे तक है। इस दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक है। सफला एकादशी व्रत की पूजा आप सुकर्मा योग में कर सकते हैं। इस दिन शुभ-उत्तम सुबह 07 बजकर 12 मिनट से सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक है।
पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 09 जनवरी को दोपहर 12:22 मिनट से होगी जो 10 जनवरी को रात 10:19 मिनट तक जारी रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा। यह एकादशी तिथि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है और जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।
पुत्रदा एकादशी पूजा का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 5:38 से शुरू होकर सुबह 6:26 तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त सुबह 11:29 से शुरू होकर दोपहर 12:59 तक रहेगा। तीसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 12:13 से शुरू होकर 12:55 तक रहेगा। व्रत का पारण 11 जनवरी को किया जाएगा, जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 07:15 से 08:21 बजे तक रहेगा।
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