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किसी भी शुभ काम में भगवान श्री गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है यह तो सभी जानते ही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए भी भगवान गणेश की पूजा करती हैं। कहते हैं कि गणपति महाराज की पूजा करने से पति की लंबी आयु और ससुराल का सुख दोनों मिलते हैं। इस मान्यता को लेकर एक कथा भी है जो सुहाग की लंबी आयु देने वाले गणेश जी की महिमा का बखान करती है।
भक्त वत्सल की गणेश चतुर्थी स्पेशल सीरीज ‘गणेश महिमा’ में आज हम आपको श्री गणेश की सुहागनों को आशीर्वाद देने की कथा बताएंगे…
एक समय की बात है। एक नगर में दो भाई-बहन रहते थे। उनके घर एक-दूसरे से थोड़ी ही दूरी पर स्थित थे। बहन का एक अनोखा संकल्प था कि वो अपने भाई का चेहरा देखे बिना खाना नहीं खाती थी। यह उसका हर रोज का काम था। वो सुबह उठती, घर का काम करती, लेकिन भोजन के पहले अपने भाई के घर जाकर उसका मुंह जरूर देखती और उसके बाद ही खाना खाती थी।
एक दिन वो भाई का मुंह देखने जा रही थी। तभी रास्ते में एक पीपल के पेड़ के नीचे गणेश जी की मूर्ति देखकर वो वहां रुक गई। उसने हाथ जोड़कर गणेश जी से प्रार्थना करते हुए कहा कि मेरे जैसा अमर सुहाग और मेरे जैसा अमर पीहर हर नारी को मिलें। यह कहकर वह आगे बढ़ जाती है। तभी जंगल की कुछ झाड़ियों के कांटे उसके पैरों में चुभ जाते हैं।
वो जब भाई के घर पहुंची तो भाभी की नजर उसके पैरों पर पड़ी। उन्होंने पूछा कि आपके पैरों में क्या हो गया हैं? यह सुनकर उसने भाभी को रास्ते में हुई घटना के बारे में सब बता दिया। तब भाभी ने अपने पति से कहा कि वो बहन के लौटने से पहले रास्ते को साफ करवा दें। ताकि आपकी बहन को फिर से कांटे न चुभे। भाई ने ऐसा ही किया। उसने कुल्हाड़ी से सारी झाड़ियों को साफ कर दिया। लेकिन इससे गणेश जी का स्थान क्षतिग्रस्त हो गया और भगवान को इस बात से गुस्सा आ गया। भगवान ने उसे मृत्यु दंड दे दिया।
जब उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था तभी उसकी पत्नी ने रोते हुए लोगों से कहा कि थोड़ी देर रुक जाओ, उनकी बहन आने वाली है। उसे अपने भाई का मुंह देख लेने दो। उधर हर रोज की तरह बहन अपने भाई का मुंह देखने के लिए जंगल से गुजर रही थी। तभी उसने देखा कि गणेश जी अपने स्थान पर नहीं हैं। उसने उन्हें उठाया और फिर उसी स्थान पर विराजमान कर दिया।
उसने हाथ जोड़कर वही कामना दोहराई कि है भगवान मेरे जैसा अमर सुहाग और मेरे जैसा अमर पीहर सबको देना। भगवान उस पर प्रसन्न हो गए और तब सिद्धिविनायक ने उसे आवाज दी। भगवान ने उसे उसके भाई के बारे में सब कुछ बता दिया। कहा कि इस खेजड़ी (जिस पेड़ के नीचे गणेश जी विराजमान थे) की सात पत्तियां कच्चे दूध में घोलकर अपने भाई के ऊपर छींटे मार देना, वह पुनर्जीवित हो जाएगा।
गणपति महाराज की बात मानकर वो भाई के घर पहुंची। वहां लोगों की भीड़ लगी हुई थी और उसकी भाभी बैठी रो रही थी। तभी बहन ने गणेश जी का बताया उपाय किया और उसका भाई तुरंत उठकर बैठ गया। यह कहानी हमें गणेश जी के क्षणिक क्रोध और दयालु प्रवृत्ति का संदेश देती है। साथ ही यह बताती है कि क्यों सुहागन पति की लंबी आयु के लिए भगवान गणेश जी की पूजा करती हैं।
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